2026 उपनयन मुहूर्त: बालक के जीवन का पवित्र आरंभ!

Author: Vijay Pathak | Last Updated: Thu 6 Nov 2025 10:03:29 AM

2026 उपनयन मुहूर्त : उपनयन संस्कार, जिसे यज्ञोपवीत संस्कार भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख 16 संस्कारों में से एक है। यह संस्कार न केवल एक बच्चे को आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर करता है, बल्कि उसे वेदाध्ययन, ब्रह्मचर्य और अनुशासन के पथ पर चलने के लिए मानसिक व आध्यात्मिक रूप से तैयार करता है। उपनयन का अर्थ है गुरु के समीप ले जाना, जिससे बालक गुरु के समीप ले जाना, जिससे बालक गुरु की देखरेख में शिक्षा और संस्कारों की सही दिशा प्राप्त करता है।


Read in English: 2026 Upanayana Muhurat

वर्ष 2026 में उपनयन संस्कार के लिए कौन-कौन से दिन, तिथि और समय सबसे शुभ हैं, इसकी जानकारी इस लेख में आपको दी गई है। ये सभी मुहूर्त वैदिक पंचांग, शुभ नक्षत्र और ग्रह-गोचर की गहन गणना पर आधारित हैं। यदि आप अपने पुत्र का यज्ञोपवीत संस्कार विधिपूर्वक और शुभ मुहूर्त में कराना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत अधिक उपयोगी है।

2026 उपनयन मुहूर्त की संपूर्ण सूची

जनवरी 2026 

माह

तिथि

वार

समय

जनवरी

3/1/2026

शनिवार

16:39 - 18:53

जनवरी

4/1/2026

रविवार

07:46 - 13:04, 14:39 - 18:49

जनवरी

5/1/2026

सोमवार

08:25 - 11:35

जनवरी

7/1/2026

बुधवार

12:52 - 14:27, 16:23 - 18:38

जनवरी

21/1/2026

बुधवार

07:45 - 10:32, 11:57 - 17:43

जनवरी

23/1/2026

शुक्रवार

07:44 - 11:49, 13:25 - 19:55

जनवरी

28/1/2026

बुधवार

10:05 - 15:00, 17:15 - 19:35

जनवरी

29/1/2026

गुरुवार

17:11 - 19:00

जनवरी

30/1/2026

शुक्रवार

07:41 - 09:57, 11:22 - 12:57

फरवरी 2026 उपनयन मुहूर्त

माह

तिथि

वार

समय

फरवरी

2/2/2026

रविवार

07:40 - 11:10, 12:45 - 19:16

फरवरी

6/2/2026

गुरुवार

07:37 - 08:02, 09:29 - 14:25, 16:40 - 19:00

फरवरी

19/2/2026

बुधवार

07:27 - 08:38, 10:03 - 18:09

फरवरी

20/2/2026

गुरुवार

07:26 - 09:59, 11:34 - 15:45

फरवरी

21/2/2026

शुक्रवार

15:41 - 18:01

फरवरी

22/2/2026

शनिवार

07:24 - 11:27

मार्च 2026

माह

तिथि

वार

समय

मार्च

4/3/2026

बुधवार

07:14 - 10:47, 12:43 - 19:35

मार्च

5/3/2026

गुरुवार

07:43 - 12:39, 14:54 - 19:31

मार्च

8/3/2026

रविवार

08:56 - 14:42

मार्च

20/3/2026

शुक्रवार

06:56 - 08:09, 09:44 - 16:15

मार्च

21/3/2026

शनिवार

06:55 - 09:40, 11:36 - 18:28

मार्च

27/3/2026

शुक्रवार

11:12 - 15:47

मार्च

28/3/2026

शनिवार

09:13 - 15:43, 18:01 - 20:17

मार्च

29/3/2026

रविवार

09:09 - 15:40

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अप्रैल 2026 उपनयन मुहूर्त

माह

तिथि

वार

समय

अप्रैल

2/4/2026

गुरुवार

08:53 - 10:49, 13:03 - 18:08

अप्रैल

3/4/2026

शुक्रवार

07:14 - 13:00, 15:20 - 19:53

अप्रैल

4/4/2026

शनिवार

07:10 - 10:41

अप्रैल

6/4/2026

सोमवार

17:25 - 19:42

अप्रैल

20/4/2026

सोमवार

07:42 - 09:38

मई 2026

माह

तिथि

वार

समय

मई

3/5/2026

रविवार

07:39 - 13:22, 15:39 - 20:15

मई

6/5/2026

बुधवार

08:35 - 15:27, 17:44 - 20:03

मई

7/5/2026

गुरुवार

08:31 - 10:46

जून 2026 उपनयन मुहूर्त

जुलाई 2026 

माह

तिथि

वार

समय

जून

17/6/2026

बुधवार

05:54 - 08:05, 12:42 - 19:37

जून

19/6/2026

शुक्रवार

06:23 - 10:17

जून

24/6/2026

बुधवार

09:57 - 16:51

माह

तिथि

वार

समय

जुलाई

1/7/2026

बुधवार

07:21 - 11:47, 16:23 - 18:42

जुलाई

2/7/2026

गुरुवार

07:06 - 11:43

जुलाई

4/7/2026

शनिवार

13:52 - 16:11

जुलाई

5/7/2026

रविवार

09:14 - 16:07

जुलाई

15/7/2026

मंगलवार

13:09 - 17:47

जुलाई

16/7/2026

बुधवार

06:11 - 08:31, 10:48 - 17:43

जुलाई

18/7/2026

शुक्रवार

06:06 - 10:40, 12:57 - 18:30

जुलाई

24/7/2026

गुरुवार

06:09 - 08:00, 10:17 - 17:11

जुलाई

26/7/2026

रविवार

12:25 - 14:45

जुलाई

30/7/2026

गुरुवार

07:36 - 12:10, 14:29 - 18:13

जुलाई

31/7/2026

शुक्रवार

07:32 - 14:25, 16:44 - 18:48

अगस्त 2026 उपनयन मुहूर्त

माह

तिथि

वार

समय

अगस्त

3/8/2026

सोमवार

09:37 - 16:32

अगस्त

14/8/2026

शुक्रवार

06:37 - 08:54, 11:11 - 17:53

अगस्त

15/8/2026

शनिवार

07:38 - 08:50, 13:26 - 19:31

अगस्त

16/8/2026

रविवार

17:45 - 19:27

अगस्त

17/8/2026

सोमवार

06:25 - 10:59, 13:18 - 17:41

अगस्त

23/8/2026

रविवार

06:44 - 08:19, 10:35 - 17:17

अगस्त

24/8/2026

सोमवार

07:34 - 08:15, 10:31 - 17:13

अगस्त

28/8/2026

शुक्रवार

14:54 - 18:40

अगस्त

29/8/2026

शनिवार

07:06 - 12:31, 14:50 - 18:36

अगस्त

30/8/2026

रविवार

07:51 - 10:08

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सितंबर 2026

माह

तिथि

वार

समय

सितंबर

12/9/2026

शनिवार

11:36 - 17:41

सितंबर

13/9/2026

रविवार

07:38 - 09:13, 11:32 - 17:37

सितंबर

21/9/2026

सोमवार

08:41 - 17:05

सितंबर

23/9/2026

बुधवार

06:41 - 08:33, 10:53 - 16:58

अक्टूबर 2026 उपनयन मुहूर्त

माह

तिथि

वार

समय

अक्टूबर

12/10/2026

सोमवार

07:19 - 09:38, 11:57 - 17:10

अक्टूबर

21/10/2026

बुधवार

07:30 - 09:03, 11:21 - 16:35, 18:00 - 19:35

अक्टूबर

22/10/2026

गुरुवार

17:56 - 19:31

अक्टूबर

23/10/2026

शुक्रवार

06:58 - 08:55, 11:13 - 16:27

अक्टूबर

26/10/2026

सोमवार

11:02 - 13:06, 14:48 - 18:11

अक्टूबर

30/10/2026

शुक्रवार

07:03 - 08:27, 10:46 - 16:00, 17:24 - 19:00

नवंबर 2026 

माह

तिथि

वार

समय

नवंबर

11/11/2026

बुधवार

07:40 - 09:59, 12:03 - 13:45

नवंबर

12/11/2026

गुरुवार

15:08 - 18:09

नवंबर

14/11/2026

शनिवार

07:28 - 11:51, 13:33 - 18:01

नवंबर

19/11/2026

गुरुवार

09:27 - 14:41, 16:06 - 19:37

नवंबर

20/11/2026

शुक्रवार

07:26 - 09:23, 11:27 - 16:02, 17:37 - 19:30

नवंबर

21/11/2026

शनिवार

07:20 - 09:19, 11:23 - 15:58, 17:33 - 18:20

नवंबर

25/11/2026

बुधवार

07:23 - 12:50, 14:17 - 19:13

नवंबर

26/11/2026

गुरुवार

09:00 - 14:13

नवंबर

28/11/2026

शनिवार

10:56 - 15:30, 17:06 - 19:01

दिसंबर 2026 उपनयन मुहूर्त

माह

तिथि

वार

समय

दिसंबर

10/12/2026

गुरुवार

11:51 - 16:19

दिसंबर

11/12/2026

शुक्रवार

07:35 - 10:05, 11:47 - 16:15

दिसंबर

12/12/2026

शनिवार

07:35 - 10:01, 13:10 - 16:11

दिसंबर

14/12/2026

सोमवार

07:37 - 11:35, 13:03 - 17:58

दिसंबर

19/12/2026

शनिवार

09:33 - 14:08, 15:43 - 19:53

दिसंबर

20/12/2026

रविवार

07:40 - 09:29

दिसंबर

24/12/2026

गुरुवार

07:42 - 12:23, 13:48 - 19:34

दिसंबर

25/12/2026

शुक्रवार

07:43 - 12:19, 13:44 - 19:30

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उपनयन संस्कार क्या है

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि उपनयन मुहूर्त को जनेऊ संस्कार" या "यज्ञोपवीत संस्कार" भी कहा जाता है। यह बालक को औपचारिक रूप से ब्रह्मचर्य आश्रम में प्रवेश दिलाने का संस्कार होता है, जिसमें उसे वेदाध्ययन और गुरु से शिक्षा प्राप्त करने के योग्य माना जाता है। यह मुहूर्त पंचांग के अनुसार, ग्रह-नक्षत्र,तिथि, वार और योग को ध्यान में रखते हुए निकाला जाता है ताकि यह संस्कार बालक के जीवन में शुभता, द्या और आध्यात्मिक उन्नति लाए।

उपनयन मुहूर्त के लिए शुभ तिथि, नक्षत्र, माह व योग

उपनयन संस्कार एक अत्यंत महत्वपूर्ण वैदिक संस्कार है, जो ब्रह्मचारी जीवन की शुरुआत को दर्शाता है। इसे करने के लिए उपयुक्त तिथि, नक्षत्र, माह और योग का विचार विशेष रूप से आवश्यक होता है ताकि बालक का जीवन शुभ, आध्यात्मिक और संयमित बने। आइए जानते हैं उपनयन संस्कार के लिए शुभ तिथि, नक्षत्र, मास व योग के बारे में:

शुभ व अशुभ तिथियां

शुभ तिथि

अशुभ तिथि

द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी ।

मावस्या, पूर्णिमा, अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी तिथियाँ

शुभ व अशुभ नक्षत्र

शुभ नक्षत्र

अशुभ नक्षत्र

रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य (अत्यंत श्रेष्ठ), हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा।

कृत्तिका, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती नक्षत्र।

शुभ व अशुभ मास 

शुभ मास

अशुभ मास

माघ (जनवरी-फरवरी), फाल्गुन (फरवरी-मार्च), वैशाख (अप्रैल-मई), ज्येष्ठ (मई-जून), मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसंबर)।

कोई नहीं

शुभ व अशुभ योग

शुभ योग

अशुभ योग

शुभ, सिद्ध, सौभाग्य, धृति, शिव, अमृत, ब्राह्म, साध्य।

वज्र, व्याघात, गण्ड, अतिगण्ड, विषकुंभ आदि अशुभ योगों से बचना चाहिए।

उपनयन संस्कार में क्या करें क्या न करें

उपनयन संस्कार कराते समय कुछ विशेष बातों का पालन करना बहुत जरूरी होता है ताकि इसका आध्यात्मिक और सांस्कारिक प्रभाव पूर्ण रूप से प्राप्त हो सके।

  • उपनयन संस्कार के लिए शुभ तिथि, नक्षत्र, योग, वार और लग्न का विचार जरूर करें।
  • बालक को स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं (धोती/कुर्ता या परंपरागत पोशाक)।
  • संस्कार वैदिक पद्धति से योग्य ब्राह्मण या गुरु के सान्निध्य में करवाएं।
  • इस दिन बालक को पहली बार गायत्री मंत्र सिखाया जाता है और उसे जपने की विधि बताई जाती है।
  • बालक को त्रिपुण्ड (तीन सूत्रों वाला यज्ञोपवीत) पहनाया जाता है जो जीवन की तीन ऋणों (देव, पितृ, ऋषि) का प्रतीक है।
  • बालक को भिक्षा मांगने की प्रतीकात्मक विधि कराई जाती है ताकि वह विनम्रता और आत्मसंयम सीखे।
  • बालक को संकल्प दिलाया जाता है कि वह सदाचारी, संयमी और ज्ञान की प्राप्ति हेतु जीवन जिएगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. 2026 में माई जनेऊ के लिए कितने शुभ मुहूर्त है?

2026 मई में तीन शुभ मुहूर्त उपनयन संस्कार के लिए दिए गए हैं।

  1. उपनयन के लिए कौन सी तिथि अच्छी है?

तिथियों की बात करें तो द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, दशमी, एकादशी, द्वादशी सर्वोत्तम हैं।

  1. उपनयन की आयु कितनी होती है?

गृह्यसूत्रों के अनुसार ब्राह्मण बालक का उपनयन संस्कार आठ वर्ष की क्षत्रिय का ग्यारह वर्ष की और वैश्य का बारह वर्ष की अवस्था में किया जाता था।

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