अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 तिथि एवं समय – Annaprashan Muhurat 2022 Dates & Timings

Author: -- | Last Updated: Wed 26 May 2021 12:28:59 PM

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 का यह लेख आपको साल 2022 में अन्नप्राशन संस्कार कराने की शुभ तिथियों और शुभ समय की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही हम आपको बताएंगे अन्नप्राशन संस्कार का महत्व, अन्नप्राशन मुहूर्त की गणना करते समय ध्यान रखने योग्य बातें, अन्नप्राशन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां और भी बहुत सी खास बातें -

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022

हिन्दू धर्म में अनेकों रीति-रिवाज़, संस्कार आदि होते हैं, लेकिन हम मुख्यतौर पर 16 संस्कारों को मानते हैं। इन 16 संस्कारों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। अन्नप्राशन संस्कार इन 16 संस्कारों में सातवां और बेहद खास संस्कार है। अन्नप्राशन का मतलब होता है “अनाज का सेवन करने की शुरुआत”। इस दिन से ही एक बच्चे को माँ के दूध के अलावा अन्न खिलाना शुरू करते हैं। अन्नप्राशन संस्कार को परिवारवाले बड़ी ही धूमधाम और विधि-विधान से पूजा-पाठ, अनुष्ठान आदि करा कर संपन्न करते हैं। तो अगर आप साल 2022 में अपने बच्चे का अन्नप्राशन कराना चाहते हैं और उसके लिए आपको शुभ मुहूर्त की आवश्यकता है तो यह लेख आपकी पूरी मदद करेगा। तो चलिए जानते हैं अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 के बारे में विस्तार से -

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अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 की सूची

नीचे दी गयी सूची में आपको साल 2022 में अन्नप्राशन कराने के लिए हर महीने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की जानकारी दी जा रही है-

जनवरी अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
05 जनवरी बुधवार 07:15 14:06
06 जनवरी गुरुवार 12:30 14:02
फरवरी अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
02 फरवरी बुधवार 08:31 14:11
03 फरवरी गुरुवार 10:37 14:07
07 फरवरी सोमवार 07:06 13:51
10 फरवरी गुरुवार 11:08 13:40
14 फरवरी सोमवार 07:01 13:24
मार्च अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
04 मार्च शुक्रवार 06:44 14:28
09 मार्च बुधवार 08:31 13:42
18 मार्च शुक्रवार 06:28 12:47
अप्रैल अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
06 अप्रैल बुधवार 06:06 14:38
11 अप्रैल सोमवार 06:00 06:51
14 अप्रैल गुरुवार 09:56 14:07
मई अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
04 मई बुधवार 05:38 07:33
06 मई शुक्रवार 09:20 12:33
जून अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
01 जून बुधवार 05:24 13:00
10 जून शुक्रवार 05:23 07:26
30 जून गुरुवार 13:26 15:57
जुलाई अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
01 जुलाई शुक्रवार 05:27 15:53
06 जुलाई बुधवार 05:29 11:42
अगस्त अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
04 अगस्त गुरुवार 05:44 15:58
10 अगस्त बुधवार 09:39 14:16
12 अगस्त शुक्रवार 05:49 07:06
29 अगस्त सोमवार 05:58 14:20
सितंबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
01 सितंबर गुरुवार 05:59 14:08
05 सितंबर सोमवार 08:28 13:52
08 सितंबर गुरुवार 06:03 13:41
30 सितंबर शुक्रवार 06:14 14:18
अक्टूबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
05 अक्टूबर बुधवार 06:16 12:01
07 अक्टूबर शुक्रवार 07:27 13:51
27 अक्टूबर गुरुवार 12:10 12:45
28 अक्टूबर शुक्रवार 06:30 10:34
31 अक्टूबर सोमवार 06:33 13:59
नवंबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
03 नवंबर गुरुवार 06:35 13:47
28 नवंबर सोमवार 06:54 13:35
30 नवंबर बुधवार 06:56 08:59
दिसंबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त
02 दिसंबर शुक्रवार 06:57 13:20
08 दिसंबर गुरुवार 07:02 09:38
29 दिसंबर गुरुवार 11:45 12:59

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अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 का महत्व

हम सभी जानते हैं कि एक बच्चा जब जन्म लेता है, तब से लेकर एक निश्चित समय तक वह माँ के दूध पर निर्भर होता है। लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ा होता है उसके विकास में दूध के अलावा लिए ठोस खाद्य पदर्थों की भी आवश्यकता होती है। इसलिए जब पहली बार बच्चे को अनाज खिलाया जाता है, तो वह दिन बेहद खास होता है जिसे लोग एक विशेष समय अवधि (मुहूर्त) के दौरान, हवन या यज्ञ विधि के साथ संपन्न करते हैं। इस विशेष समयावधि को अन्नप्राशन मुहूर्त के नाम से जानते हैं।

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अन्नप्राशन संस्कार 2022 का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय महत्व

हिन्दू धर्म में अन्नप्राशन संस्कार का विशेष महत्व हैं, जिसे बच्चे के बाल्यावस्था में संपन्न किया जाता है। अन्नप्राशन संस्कार का न केवल ज्योतिष में बल्कि वैज्ञानिक तौर पर भी बहुत महत्व होता है। विज्ञान के अनुसार देखें तो बच्चा मां के गर्भ में जब भोजन करता है, तो उसमें वो कुछ मलिन तत्व भी वह ग्रहण कर लेता है। उन सभी मलिन भोजन के दोष के निवारण और शिशु को शुद्ध भोजन कराने की प्रक्रिया को ही अन्नप्राशन संस्कार कहा गया है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करीब 84 योनियों को भोगने के बाद ही किसी को मानव का जन्म मिल पाता है। इसीलिए इस मानव जीवन में पहली बार की जाने वाली हर चीज़ बेहद खास होती है। हिन्दू धर्म के लोग तभी बच्चे का अन्नप्राशन एक विशेष मुहूर्त अनुसार ही करते हैं। अन्नप्राशन संस्कार खान-पान संबंधी दोषों को दूर करने के लिए बच्चे के जन्म के 6-7 महीने के बाद किया जाता है। मान्यता है कि इस संस्कार से बच्चे के बल, बुद्धि, स्वास्थ्य और पराक्रम में वृद्धि होती है।

अन्य किसी मुहूर्त की जानकारी के लिए क्लिक करें- शुभ मुहूर्त 2022 (लिंक)

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 की गणना के समय ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान

अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 की गणना करते समय निम्नलिखित बातों का अवश्य ध्यान रखें -

  • आपके द्वारा चुनी गई किसी लड़के के लिए अन्नप्राशन की तिथि सम महीना होना चाहिए और लड़की के लिए विषम।
  • किसी लड़की का अन्नप्राशन उसके जन्म के सात, नौ या ग्यारहवें महीने में करना शुभ होता है। वहीँ दूसरी तरफ लड़के का अन्नप्राशन उसके जन्म के छठे, आठवें और दसवें महीने में किया जाना शुभ रहता है।
  • अन्नप्राशन के लिए द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रियोदशी और पूर्णिमा तिथि शुभ होती है।
  • नक्षत्रों की बात करें तो अन्नप्राशन संस्कार अश्विनी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, श्रावण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में संपन्न किया चाहिए। हालाँकि बस इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी पापी ग्रह इन नक्षत्रों पर अपना प्रभाव न डाल रहा हों।
  • एक और खास बात अन्नप्राशन मुहूर्त कभी भी उस नक्षत्र में नहीं करना चाहिए, जिसमें उस बच्चे का जन्म हुआ हो।
  • अन्नप्राशन मुहूर्त के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है।
  • अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 की गणना करते समय इस बात ध्यान ज़रूर रखें कि चंद्रमा बच्चे की जन्म राशि से चौथे व् आठवें घर में मौजूद ना हो।

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अन्नप्राशन संस्कार 2022 की संपूर्ण विधि

  • अन्नप्राशन संस्कार के महत्व को देखते हुए इसके लिए किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी के द्वारा ही शुभ मुहूर्त निकलवायें।
  • सबसे पहले जिस जगह अन्नप्राशन संस्कार संपन्न हो रहा हो, उस जगह की अच्छे से सफाई कर लें।
  • अब पूजा स्थल पर सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से रख लें।
  • अब शुभ मुहूर्त के अनुसार सभी देवी-देवताओं का पूजन करें।
  • पूजन के बाद इस मंत्र का जाप करते हुए माता-पिता पहला निवाला(खीर) बच्चे को चटाएं। -

मंत्र - शिवौ ते स्तां व्रीहियवावबलासावदोमधौ । एतौ यक्ष्मं वि वाधेते एतौ मुञ्चतो अंहसः॥है। अर्थात् हे 'बालक! जौ और चावल तुम्हारे लिये बलदायक तथा पुष्टिकारक हों। क्योंकि ये दोनों वस्तुएं यक्ष्मा-नाशक हैं तथा देवान्न होने से पापनाशक हैं।”

  • पहला निवाला खाने के बाद परिवार के बाकि सदस्य बच्चे को बारी-बारी से अन्न खिलाएं और बच्चे को उपहार, पैसे और दुआएँ दें।
  • अन्नप्राशन संस्कार के दौरान बच्चे के सामने मिट्टी, सोने के आभूषण, कलम, किताब और खाना आदि रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बच्चा इनमें से जिसपर भी हाथ रखता है, उसी के अनुसार उसके भविष्य का अनुमान लगाते हैं।

जैसे, अगर बच्चा सोने के आभूषण पर हाथ रखता है, तो वह भविष्य में धनवान बनता है। अगर कलम पर बच्चा हाथ रखता है, तो अनुमान लगाया जाता है कि वह बुद्धिमान होगा। बच्चा अगर किताब पर हाथ रखें , तो वह सीखने में आगे रहता है।

अन्नप्राशन संस्कार 2022 के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां

अन्नप्राशन संस्कार करते समय इस समारोह में ज्यादा भीड़-भाड़ न करें, क्योंकि एक साथ ज़्यादा लोगों को देखकर बच्चा परेशान हो सकता है। इसके अलावा बच्चे को खाना खिलाते समय साफ़-सफाई का भी खास ध्यान रखें। बच्चे को किसी प्रकार का कोई इन्फेक्शन ना हो इसीलिए खाना खिलाते समय हर व्यक्ति अपने हाथ अच्छे से धोएं। अन्नप्राशन संस्कार के दौरान बच्चे को भारी-भरकम कपड़े के बजाय बच्चे की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ही उसे मुलायम व ढीले कपड़े ही पहनाएं। अन्नप्राशन संस्कार के दौरान कई बार कुछ माता-पिता रस्म पूरी करने के चक्कर में बच्चे को थोड़ा ज्यादा खाना खिला देते हैं, जिससे बच्चे का भोजन सही से नहीं पच पाता और उसे शारीरिक समस्या होने लगती है।

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उम्मीद है कि इस लेख में अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोकैंप से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद !

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