इलेक्शन 2021 - देश के पाँच विधानसभा चुनावों को लेकर भविष्यवाणी

Author: -- | Last Updated: Wed 23 Dec 2020 1:47:18 PM

कोरोना की इस वैश्विक महामारी ने हम सब की जिंदगी को 360 डिग्री तक घुमाने का काम किया है। हालाँकि परेशानी कितनी ही बड़ी क्यों ना हो हमारा जीवन तो चलता ही रहता है। ठीक उसी तरह इस आपदा में भी देश एक बार फिर 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर तैयार होता नज़र आ रहा है। जायज़ सी बात है कि हर चुनाव की ही तरह इसमें भी कई नए-पुराने चेहरे जनता के बीच बतौर प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे। ऐसे में अगर आप भी यह जानने की इच्छा रखते हैं कि क्या आपकी कुंडली में वो राजयोग है जो आपको इस चुनाव में सफलता दिला सकता है, तो आपके इस सवाल का जवाब राजयोग रिपोर्ट में मौजूद है।

विधानसभा चुनाव 2021, देश के पाँच राज्यों में होने वाले हैं, इनमें से पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनावों को मुख्य माना जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि पश्चिम बंगाल के अलावा असम, केरल, पुदुच्चेरी, और तमिलनाडु में भी चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव, अलग-अलग मुद्दों, और कार्यप्रणाली के लिहाज़ से लड़े जाते हैं। देखा गया है कि, विधानसभा चुनाव में जो प्रत्याशी मैदान में उतरते हैं वो जनता के ज्यादा करीब होते हैं।

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खैर, चुनाव है तो जायज़ है कि पार्टियाँ कुछ नए और लुभावने चेहरे भी मैदान में उतार सकती हैं। चुनाव के जरिये जनता के दिल में उतरने की चाह रखने वालों के लिए एस्ट्रोसेज की कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट बेहद सहायक साबित हो सकती है क्योंकि, इस रिपोर्ट में आपको आपके वांछित क्षेत्र में उचित मार्गदर्शन इत्यादि की सटीक जानकारी दी जाती है।

2021 चुनावों पर फिर वो राजनीतिक पार्टियाँ हो या जनता खुद, सभी की नज़रे टिकी हुई हैं, क्योंकि यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ऐसे में आइये ज्योतिष की नजर से यह जानने की कोशिश करते हैं कि 2021 का यह विधानसभा चुनाव किस पार्टी के लिए कैसा साबित होगा? इसमें विजेता बनकर कौन उभर सकता है? और किसे अभी जनता की खिदमत करने के लिए कुछ समय और इंतज़ार करना पड़ेगा? कौन सी पार्टी जीत सकती है और कौन बनेगा मुख्यमंत्री? आइये इन सब सवालों का ज्योतिष के लिहाज़ से जवाब जानते हैं।

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इलेक्शन 2021

वैसे तो अभी 2021 विधानसभा चुनावों को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि साल 2021 के अप्रैल और मई महीनों के दौरान 2021 के विधानसभा चुनाव किये जा सकते हैं।

सबसे पहले आपको मौजूदा स्थिति की एक झलक दिखाते हैं,

  • मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार सत्ता में है। इसकी कर्ता-धर्ता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।
  • इसके बाद बात करें अगर असम की, तो यहाँ एनडीए गठबंधन का जोर रहा है, और मौजूदा समय में बीजेपी, असोम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के गठबंधन की सरकार है। असम के वर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल हैं।
  • अब बात केरल की, तो यहाँ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सत्ता में है और यहाँ के मौजूदा मुख्यमंत्री पिनरई विजयन हैं।
  • पुदुच्चेरी की बात करें तो यहाँ वर्तमान समय में कांग्रेस सरकार की हुक़ूमत है और यहाँ के मौजूदा मुख्यमंत्री के वी नारायणसामी हैं।
  • आखिर में बात करें अगर तमिलनाडु की तो यहाँ अन्नाद्रमुक कार्यरत है और तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री इडाप्पदी के. पलानीस्वामी हैं।

इस स्थिति, जो हम नें आपको ऊपर बताई, उसके हिसाब से देश के यह पांच राज्य विधानसभा चुनावों (2021) में अपनी-अपनी पार्टी के लिए जीत सुनिश्चित करने की होड़ में लगे हुए हैं। एक ज्योतिषीय विश्लेषण के माध्यम से आइये अब यह जानने की कोशिश करते हैं कि इन चुनावों में सभी पार्टियों की स्थिति क्या रहने वाली है? साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि इस चुनाव में कौन सी पार्टी विजयी होकर उभर सकती है? और किस पार्टी को जीत का स्वाद चखने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है? इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए आइये इन सभी राज्यों की विधानसभा पर भी एक नज़र डालते हैं।

इलेक्शन 2021 - पश्चिम बंगाल

ऐसा माना जा रहा है कि, विधानसभा चुनाव 2021 का सबसे दिलचस्प और शानदार मुकाबला पश्चिम बंगाल की राजनीति में देखने को मिल सकता है। बात करें अगर वजह की तो, दरअसल यहाँ बीते काफी समय से ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार का कब्ज़ा है और वहीं दूसरी तरफ एक लंबे समय से बीजेपी भी यहाँ अपना पैर ज़माने की कोशिश में लगी हुई है। यहाँ पर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस चुनाव में बीजेपी ममता सरकार को पटखनी देकर पश्चिम बंगाल की कुर्सी पर खुद काबिज़ होने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाली है।

जनता के बीच खुद को दूसरे से बेहतर दिखाने के लिए जहाँ बीजेपी इस बात की तरफ जनता का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर सकती है कि कोरोना काल में बीजेपी के दिशा-निर्देशों का पालन करना किस हद तक फ़ायदेमंद साबित हुआ है तो, वहीं ममता सरकार भी अपनी ख़ूबियाँ और उपलब्धियाँ गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। इन सभी बातों में जनता के दिल में कौन सी पार्टी अपनी जगह बनाने में वाकई में कामयाब हुई है ये बात तो देखने वाली ही होगी।

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इलेक्शन 2021 और विभिन्न दलों की स्थिति

अभी जब की इस चुनाव के बारे में ना ही कोई आधिकारिक घोषणा हुई है, और ना ही किसी पार्टी ने अपने पत्ते खोले हैं कि कौन किसके साथ गठबंधन कर के चुनाव लड़ेगा या कौन अकेला ही मैदान में उतरेगा, ऐसे में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा, अभी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा भी नहीं हुई है, इसलिए हम केवल प्रमुख पार्टियों की कुंडलियों का अध्ययन करके यह संभावना तलाशने की कोशिश कर रहे हैं कि इलेक्शन 2021 के समय में कौन सी पार्टी मजबूत स्थिति में रहने की संभावना है।

आइए अब वैदिक ज्योतिष के अनुसार मुख्य पार्टियों की कुंडलियों का अध्ययन करते हैं और डालते हैं ग्रहों के प्रभाव पर एक नजर:

भारतीय जनता पार्टी (6-4-1980: 11:40:00: नई दिल्ली)

(बीजेपी की कुंडली)

बीजेपी की कुंडली की मुख्य बातें

  • मिथुन लग्न में स्थापित भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में चंद्रमा वृश्चिक राशि में मौजूद है।
  • भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में मंगल, बृहस्पति और शनि तीन प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में मौजूद हैं।
  • वहीं दशम भाव में मीन राशि का सूर्य दिग्बली स्थिति में मौजूद है।
  • द्वादश भाव में स्वराशि का शुक्र स्थित है।
  • सिंह राशि अर्थात कुंडली के तीसरे भाव में मंगल-बृहस्पति-शनि के युति में होने के साथ-साथ राहु भी विराजमान हैं।
  • भारतीय जनता पार्टी की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती पूरी हो चुकी है।
  • नवम भाव में कुंडली का लग्नेश बुध शनि की राशि कुंभ में केतु के साथ युति करता हुआ स्थित है।

इलेक्शन 2021 के दौरान ग्रह दशा

विधानसभा चुनाव अप्रैल - मई 2021 के दौरान बीजेपी की कुंडली में:

  • बीजेपी की कुंडली में 7 अप्रैल 2021 तक चंद्रमा, राहु और मंगल की दशा रहने वाली है।
  • इसके बाद 13 जून 2021 तक चंद्रमा-बृहस्पति -बृहस्पति की दशा चलेगी।

इलेक्शन 2021 के दौरान ग्रहों का गोचर

विधानसभा चुनाव अप्रैल - मई 2021 के दौरान बीजेपी की कुंडली में:

  • जन्मकालीन चन्द्र से तीसरे और लग्न से आठवें भाव में शनि का गोचर होगा।
  • इसके अलावा इस दौरान जन्मकालीन चन्द्र राशि से चतुर्थ और लग्न भाव से निकलकर बृहस्पति नवम भाव में स्थित हो जायेंगे।
  • जन्मकालीन चंद्रमा से सप्तम भाव में राहु होगा।
  • चन्द्र राशि से ग्यारहवें भाव में मंगल विराजमान होगा और अपना प्रभाव देगा।
  • सूर्य 14 अप्रैल से अपनी उच्च राशि में एकादश भाव में आ जायेगा और फिर बुध भी 16 अप्रैल से इसी राशि में आ जायेगा।
  • लग्न में मंगल का गोचर होगा।

विधान सभा चुनाव 2021 में बीजेपी का प्रदर्शन एवं स्थिति

कुंडली विश्लेषण के बाद अब बात करते हैं इस चुनाव में बीजेपी की स्थिति क्या रहने वाली है और इस चुनाव में बीजेपी कैसा प्रदर्शन करने वाली है। तो यहाँ सबसे पहले यह समझिये कि, चुनाव 2021 जब शुरू होंगे तब 7 अप्रैल 2021 के बाद से चंद्रमा की महादशा में बृहस्पति की अन्तर्दशा शुरू हो जाएगी। चंद्रमा जो की द्वितीय भाव का स्वामी है वो छठे भाव में अपनी नीच राशि में स्थित होगा। इसके अलावा बृहस्पति तीसरे भाव में स्थित है, उसी समय बृहस्पति का गोचर कुंडली के नवम भाव में होगा। इस गोचर को एक महत्वपूर्ण गोचर माना जा सकता है।

चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में स्थित है और उसका स्वामी है बुध, लेकिन नवम भाव में बैठा बुध लग्न का भी स्वामी है जो प्रबल राजयोग की स्थिति बना रहा है। केतु के नक्षत्र मघा में बृहस्पति स्थित हैं। कुंडली के नवम भाव में बैठा केतु भी राजयोग का निर्माण कर रहा है। हालांकि बृहस्पति राहु, शनि और मंगल के साथ युति करते हुए प्रभावित हो रहा है। अप्रैल के मध्य में प्रबल सूर्य का गोचर भी एकादश भाव में हो जाएगा।

यानि कि ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है कि यानि की संक्षिप्त में कहें तो इलेक्शन 2021, भारतीय जनता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ काफी फलदायी भी साबित होने की संभावना बना रहे हैं। इस चुनाव में पार्टी को अच्छे नतीजे देखने को मिल सकते हैं, लेकिन मंगल का गोचर इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि पार्टी में कुछ अंदरूनी कलेश का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा यह कहना या मानना कि पाँचों राज्यों में अपने दम पर बीजेपी का सरकार बनाना मुमकिन होगा यह भी गलत है, पार्टी को कहीं गठबंधन का भी सराहा लेना पड़ सकता है। इसके अलावा बीजेपी शासित राज्यों में भी पार्टी को कुछ मुश्किलों का सामना करने की आशंका बनती नज़र आ रही है।

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एक बार फिर, 2021 चुनाव में धर्म और राष्ट्रवाद के मुद्दे सुर्ख़ियों में रहेंगे। मतलब साफ़ है कि इस मुद्दे को वास्तविक मानते हुए ही पार्टी को चुनाव मैदान में उतरना होगा तभी पार्टी अपनी मेहनत को जनता के वोट और अंततः अपनी जीत में तब्दील कर पायेगी। जिस समय देश में चुनाव होंगे उस समय शनि का अष्टम भाव में जाना इस बात को इंगित कर रहा है कि इसके चलते वोट प्रतिशत में कुछ कमी देखी जा सकती है। सभी बातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि वाकई में यह चुनाव काफी काँटे की टक्कर वाला साबित होगा। इसमें जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी को एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना होगा क्योंकि जनता के लिए किया गया हर छोटा-बड़ा काम पार्टी की जीत पुख्ता करने में सहायक साबित हो सकता है।

कांग्रेस (02-01-1978: 11:59:00: नई दिल्ली)

(कांग्रेस की कुंडली)

कांग्रेस की कुंडली की मुख्य बातें

  • मीन लग्न में स्थापित कांग्रेस पार्टी की कुंडली में चंद्रमा कन्या राशि में राहु के साथ युति करते हुए स्थित है।
  • केतु यहाँ लग्न में विराजमान हैं।
  • कुंडली में तीनों प्रमुख ग्रह शनि, बृहस्पति और मंगल वक्री स्थिति में मौजूद हैं।
  • दशम भाव में सूर्य के साथ शुक्र अस्त होकर धनु राशि में स्थित है।
  • कर्क राशि के पंचम भाव में मंगल स्थित है।
  • चतुर्थ भाव में मौजूद बृहस्पति दशम भाव शुक्र और सूर्य को देख रहा है।
  • सिंह राशि में छठे भाव में शनि स्थित है और नवम भाव में बुध स्थित है।

इलेक्शन 2021 के दौरान ग्रह दशा

विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 के दौरान कांग्रेस की कुंडली में:

  • नवंबर 2021 तक बृहस्पति की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा रहेगी।
  • 16 अप्रैल 2021 तक बृहस्पति-चंद्रमा-शनि की दशा प्रभावी रहने वाली है और उसके बाद बृहस्पति-चंद्रमा और बुध की दशा का दौर शुरू हो जायेगा।

इलेक्शन 2021 के दौरान ग्रहों का गोचर

विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 के दौरान कांग्रेस की कुंडली में:

  • जन्मकालीन चंद्रमा से पंचम भाव में और जन्म लग्न से एकादश भाव में शनि का गोचर होगा। शनि का यह गोचर जन्म कालीन मंगल से सप्तम भाव में होगा।
  • चन्द्र राशि से छठे और लग्न राशि से बारहवें भाव में बृहस्पति का गोचर होगा।
  • जन्मकालीन चन्द्रमा से नवम भाव में और जन्म लग्न से तृतीय भाव में राहु होगा।
  • चन्द्र राशि से दशम भाव में जन्म लग्न से चतुर्थ भाव और जन्म कालीन बृहस्पति के ऊपर से मंगल का गोचर होगा और सूर्य और शुक्र सप्तम भाव में होंगे।
  • सूर्य अप्रैल के मध्य में कुंडली के दूसरे भाव और चन्द्र राशि के आठवें भाव में प्रवेश कर जायेगा।

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विधान सभा इलेक्शन 2021 में कांग्रेस का प्रदर्शन एवं स्थिति

बात 2021चुनावों की करें तो, जब देश में पांच राज्यों के लिए चुनाव हो रहे होंगे तो इस दौरान कांग्रेस की कुंडली में बृहस्पति की महादशा और चंद्रमा की अन्तर्दशा चल रही होगी। इसके अलावा इस दौरान बृहस्पति ग्रह मृगशिरा नक्षत्र में होगा और चंद्रमा स्व नक्षत्र में होगा। हालाँकि यहाँ गौर करने वाली बात है कि बृहस्पति की दशम भाव को दृष्टि मज़बूत बनाने का काम कर रही है, जो कांग्रेस पार्टी के लिए शुभ साबित हो सकता है, लेकिन वहीं बृहस्पति का मंगल के नक्षत्र में स्थित होना और मंगल का नीच राशि में स्थित होना कांग्रेस के लिए कुछ परेशानियों का सबब भी बन सकता है।

कांग्रेस पार्टी की कुंडली में पंचम भाव का स्वामी चंद्रमा अपने भी नक्षत्र में होगा जो की पंचम भाव से संबंधित अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है और जिसकी वजह से कांग्रेस को इन चुनावों में लाभ भी होने की आशंका है, लेकिन वहीं चंद्रमा और राहु पीड़ित अवस्था में भी नज़र आ रहे हैं जो बात इस तरफ इशारा करती है कि कांग्रेस को इस दौरान बहुत ज्यादा फायदा तो नहीं हो सकेगा। बृहस्पति अप्रैल महीने की शुरुआत से ही लग्न ग्रह से बारहवें भाव में गोचर करने वाला है जो इस बात को इंगित करता है कि इस चुनाव में, कांग्रेस को शायद उन सीटों से भी हाथ धोना पड़ जाये जहाँ अभी वो सत्ताधारी है। लेकिन अन्य ग्रहों की स्थिति से अन्य जगहों पर कांग्रेस पार्टी को फायदा होने के भी योग बनेंगे।

ऐसे में कहा जा सकता है कि इन चुनावों में कांग्रेस की स्थिति पहले से अधिक मज़बूत नज़र आएगी। जहाँ पर कांग्रेस पार्टी की सरकार फिलहाल नहीं है वहां मौजूदा सरकार के खिलाफ चल रही हवा का फायदा कांग्रेस अपने पक्ष में कर सकती है। हालाँकि इस बात से यह निष्कर्ष निकाल लेना कि इन चुनावों में कांग्रेस पूरी तरह से अच्छा प्रदर्शन करेगी, यह गलत होगा। संक्षिप्त में कहें तो जहाँ कांग्रेस की सरकार फिलहाल नहीं है वहां मौजूदा सरकार की नाकामी या ख़राब प्रदर्शन का थोड़ा लाभ तो कांग्रेस को मिल सकता है, जिससे कुल मिलाकर कांग्रेस के वोट में बढ़ोतरी होगी लेकिन बावजूद इन सब के कुछ चुनौतियाँ तो कांग्रेस के सामने यकीनन ही आएँगी।

ऐसा भी हो सकता है कि चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस को किसी बड़े विवाद का सामना करना पड़ जाये, अंततः जिसके चलते कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती पेश हो सकती है। लेकिन फिर भी जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार कांग्रेस इन चुनावों में पहले के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब हो सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जहाँ कांग्रेस के पैर जमे हुए हैं उन्हें बचाए रखने में और जहाँ कांग्रेस अभी नहीं है वहां अपनी जीत का परचम लहराने के लिए कांग्रेस क्या कुछ नए तिकड़म बैठाती है।

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) (17-10-1972: 10:30: चेन्नई)

(अन्नाद्रमुक की कुंडली)

अन्नाद्रमुक कुंडली की मुख्य बातें

  • धनु लग्न में स्थापित ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) पार्टी की कुंडली में चंद्रमा मकर राशि में स्थित है।
  • राहु के साथ युति करते हुए लग्न स्वामी बृहस्पति लग्न में स्थित है। इसके साथ ही दशम भाव में बैठे मंगल की पूर्ण दृष्टि लग्न पर है।
  • छठे ग्रह में शनि वक्री अवस्था में मौजूद है और मंगल ग्रह अस्त अवस्था में है।
  • सप्तम भाव में केतु स्थित हैं और नवम भाव में सिंह राशि में शुक्र विराजमान हैं।
  • एकादश भाव में सूर्य और बुध विराजमान हैं, और सूर्य अपनी नीच राशि तुला में स्थित हैं।

इलेक्शन 2021 के दौरान ग्रह दशा

विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 के दौरान अन्नाद्रमुक की कुंडली में:

  • फरवरी 2022 तक शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा चलेगी।
  • 24 मई 2021 तक शनि-बुध-शुक्र की दशा प्रभावी रहने वाली है और फिर 12 जुलाई तक शनि-बुध-सूर्य की दशा चलेगी।

इलेक्शन 2021 के दौरान ग्रहों का गोचर

विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 के दौरान अन्नाद्रमुक की कुंडली में:

  • जन्मकालीन चंद्रमा से ऊपर और जन्म लग्न से द्वितीय भाव में शनि का गोचर होगा।
  • जन्मकालीन चन्द्र राशि से दूसरे भाव में और लग्न से तीसरे भाव में बृहस्पति का गोचर होगा।
  • जन्मकालीन चंद्रमा से पंचम भाव में और जन्म लग्न से षष्ठ भाव में राहु का और जन्मकालीन चन्द्र राशि से ऊपर शनि का गोचर होगा।
  • चन्द्र राशि से षष्ठ भाव में और जन्म लग्न से सप्तम भाव में और जन्मकालीन केतु के ऊपर मंगल का गोचर होगा।
  • अप्रैल महीने के मध्य में कुंडली के पंचम भाव में सूर्य (उच्च) का गोचर होगा और यह जन्मकालीन चन्द्र राशि से चौथे भाव में प्रवेश कर जायेगा।

विधान सभा इलेक्शन 2021 में अन्नाद्रमुक का प्रदर्शन एवं स्थिति

अगर हम अप्रैल-मई के आधार पर देखें तो, चुनाव के समय यह पार्टी शनि की महादशा और बुध की अंतर्दशा से गुज़र रही होगी। इस दौरान शनि मंगल के नक्षत्र में स्थित हैं और बुध राहु के नक्षत्र में स्थित हैं। इसके अलावा जो बात यहाँ गौर करने वाली है वो यह कि दशम भाव में विराजमान मंगल अस्त स्थिति में हैं और लग्न में नीच राशि में स्थित राहु बृहस्पति के सतह विराजमान हैं। यानि कि इस बात का मतलब यह है कि इस दौरान पार्टी कुछ ऐसे कदम उठाने में नहीं झिझकेगी जो पहले तो लोगों को शायद समझ ना आयें, लेकिन वक्त के साथ लोग इन क़दमों का अर्थ भी समझेंगे और पार्टी को इससे लाभ भी होगा। हालांकि इन क़दमों का पार्टी के ही कुछ लोग विरोध कर सकते हैं जो परेशानी की वजह बन सकता है।

जहाँ एक तरफ सूर्य का गोचर पार्टी के लिए शुभ साबित होगा, वहीं गोचर में बृहस्पति और शनि की स्थिति ज्यादा अनुकूल नहीं नज़र आएगी। ऐसे में जहाँ इस पार्टी के वोट में बढ़ोतरी होने की आशंका है वहीं दूसरी तरफ सीट के मामले में पार्टी को घाटा झेलना पड़ सकता है। हालाँकि गठबंधन की राह इनके लिए भी इशारा कर रही है। सत्ता में आने या बने रहने के लिए यह भी गठबंधन का सहारा ले सकते हैं।

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निष्कर्ष

मौजूदा जानकारी के आधार पर किये गए इस विश्लेषण से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि साल 2021 में होने वाला यह विधानसभा चुनाव काफ़ी रोमांचक होने वाला है। सभी पार्टियाँ इस चुनाव में अपनी जीत का परचम लहराने में एड़ी-चोटी का जोर लगाती नज़र आएँगी। अब अगर कुल मिलाकर इन चुनावों का समीकरण देखा जाये तो जहाँ एक हाथ पर सत्ताधारी पार्टी को बहुमत मिलने के कम आसार बनते नज़र आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ नए समीकरण भी अवश्य सामने आ सकते हैं जहाँ वोट तो ज्यादा होंगे लेकिन सीटों में कमी देखी जा सकती है।

ऐसा भी मुमकिन है कि कुछ चेहरे अपनी पार्टी का दामन छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो जायें। तो कुछ नए चेहरे पार्टी में शामिल होकर जनता को लुभाने की कोशिश भी करेंगे।हालांकि चुनाव में अभी काफी समय है क्योंकि ना ही अभी चुनावों की तारीख़ की घोषणा की गयी है अभी न तो चुनाव की तारीख़ सामने आई है और ना ही वोटों की गिनती किस दिन होगी इस बात की जानकारी स्पष्ट है।

इसके अलावा चुनाव का मुख्य पहलू कि कौन सी पार्टी किस चेहरे के साथ चुनाव के मैदान में उतरने वाली है इस बात की कोई जानकारी सामने आई है, इसलिए एक तरह से अभी कुछ भी साफ़-साफ़ कहना मुमकिन नहीं है। अभी हम नें एक आंकलन के आधार पर यह जानकारी आपके समक्ष पेश की है। एक स्थितियाँ और अधिक स्पष्ट होंगी, तब हम और अधिक सूक्ष्म निर्णय पर पहुंचने की कोशिश करेंगे।

महत्वपूर्ण जानकारी : उपरोक्त विश्लेषण इंटरनेट पर उपलब्ध कुंडली के आधार पर किया गया है। पूर्ण जानकारी के अभाव में अन्य पार्टियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। यह विश्लेषण ज्योतिष के विद्यार्थियों के लिए केवल एक अध्ययन के उद्देश्य से किया गया है।

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