मकर संक्रांति 2020

Author: -- | Last Updated: Thu 24 Jan 2019 9:21:15 AM

साल 2020 में मकर संक्रांति का पावन त्योहार 15 जनवरी को सम्पूर्ण देश में मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का त्यौहार हिंदू धर्म का बहुत ही पवित्र और लोक​प्रिय त्योहार है। इस त्योहार की खास बात यह है कि यह जितना बड़ों और बुजुर्गों को भाता है उतना ही बच्चे को पसंद आता है। मकर संक्रांति के त्योहार को उत्तरायणी भी कहते हैं। उत्तर भारत में इस त्योहार के साथ ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। यानि कि इसके बाद धीरे धीेरे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। साथ ही गर्मी भी बढ़ जाती है।


इस दिन हिंदू घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं। वहीं लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं और भगवान सूर्य की प्रार्थना करते हैं। इस मौके पर तीर्थ यात्रा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति को देश के दक्षिणी हिस्सों में पोंगल के रूप में मनाया जाता है, और पंजाब में लोहड़ी और मघी के रूप में मनाया जाता है। जबकि गुजरात और राजस्थान में लोग इस मौके पर रंग-बिरंगी पतंगों को आकाश में उड़ाकर इस जश्न मनाते हैं।

मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व

भारत में मकर संक्रांति का बहुत गहरा धार्मिक महत्व है। पौराणिक ​कथाओं और ग्रंथों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। यानी पिता अपने पुत्र से मिलने उनके घर जाते हैं। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों को पराजित किया था। कहा जाता है कि भगवान ने असुरों के सिरों को मंदार पर्वत में दबा दिया था। ऐसे में इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मानाया जाता है। क्योंकि मकर राशि का स्वामी शनि है।

ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य और शनि का तालमेल संभव नहीं है, क्योंकि दोनों आपस में शत्रु का भाव रखते हैं लेकिन इस दिन सूर्य खुद अपने पुत्र के घर जाते हैं। इसलिए इस त्यौहार के पीछे पिता-पुत्र के संबंधों को भी माना जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार गंगा को महाराज भगीरथ ने इस दिन अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में जाकर मिल गई थी। इसलिए इस दिन गंगा में स्नान करने को पवित्र समझा जाता है।

क्यों किया जाता है इस दिन गंगा स्नान?

मकर संक्राति के दिन विशेष रूप से गंगा स्नान का महत्व है। उत्तर प्रदेश और उससे सटे राज्यों में इसे खिचड़ी' भी कहते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लेना सबसे शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस अवसर पर गंगा स्नान करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। वैसे तो इस मौके पर पूरे देश में मेला लगता है लेकिन प्रयागराज (इलाहाबाद) में इस दौरान एक महीना माघ मेला चलता है। हर साल गंगा सागर में एक बहुत बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। पुराणों में मकर संक्रान्ति का काफी विस्तार से वर्णन मिलता है। पौराणिक विवरण के अनुसार, उत्तरायण देवताओं का एक दिन एवं दक्षिणायन एक रात्रि मानी जाती है।

भारत के अलग-अलग में हिस्सो में मकर संक्रांति पर्व

लोक संस्कृति पर्व-मकर संक्रान्ति सम्पूर्ण भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे नई फसल का त्यौहार भी कहते हैं। पंजाब और ​हरियाणा में इसे लोहड़ी पर्व, उत्तराखंड में इसे उत्तरायणी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में इसे पोंगल कहते हैं। इस दिन अपनी फसलों से बने अनाज को सबसे पहले भगवान को चढ़ाते हैं और उनका आभार प्रकट करते हैं। कई राज्यों में इस दिन व्रत भी रखा जाता है। असम राज्य में इस पर्व को बिहू के नाम से जानते हैं। वहां के लोग इस दिन पारंपरिक पोशाक़ पहनकर नाचते-गाते हैं।

मकर संक्रांति और मेले

मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है जिसकी छटा देखते ही बनती है। इस दिन हर जगह मेल का आयोजन होता है। ढोल नगाढ़े के साथ लोक गीतों पर नाचना और एक दूसरे को बधाई देना इस दिन की विशेषता है। चाहें शहर हो या गांव हर जगह मेले लगते हैं। मेलों में कठपुतली का डांस, मौत का कुंआ, रस्सी पर चलती बच्ची, जादूगर, चाट-पकौड़ी वाले इस मेले की शोभा बढ़ाते हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और दक्षिण भारत में इस इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति और वैज्ञानिक मत

मकर संक्रांति केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इस दिन के पीछे वैज्ञानिक महत्व भी छिपा है। दरअसल, वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य का ताप शीत के प्रकोप को कम करता है और इसके बाद धीरे धीरे गर्मियाँ शुरू हो जाती है। इसलिए इस अवसर पर तिल गुड़ और आदि गर्म चीजें खाने की मान्यता है। आयुर्वेद विशेष रूप से इस दिन घी-तेल, तिल-गुड़, गन्ना, धूप और गर्म पानी के सेवन करने की सलाह भी देता है।

हम उम्मीद करते हैं कि मकर संक्रांति से संबंधित हमारा ये लेख आपको पसंद आया होगा। हमारी ओर से आप सभी को मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएं !

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