Author: Vijay Pathak | Last Updated: Fri 28 Nov 2025 3:54:54 PM
2026 राहु गोचर : हमारे प्राचीन ग्रंथों में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है। इसका कारण यह है कि खगोलशास्त्रीय दृष्टि से राहु और केतु किसी ठोस ग्रह की तरह दिखाई देने वाले खगोलीय पिंड नहीं है, जैसे सूर्य, चंद्रमा या अन्य ग्रहों का आकार और द्रव्यमान होता है। वास्तव में, ये दोनों चंद्रमा की कक्षा और सूर्य की कक्षा के परस्पर काटने वाले बिंदु हैं, जिन्हें नोड्स कहा जाता है। ये दोनों बिंदु एक-दूसरे से 180 डिग्री की दूरी पर स्थित होते हैं। इनमें से उत्तरी बिंदु को राहु कहा जाता है और दक्षिणी बिंदु को केतु कहा जाता है। ये दोनों ग्रह राशिचक्र में वक्री गति से यानी उल्टी दिशा में चलते हैं। राहु और केतु प्रत्येक राशि में लगभग 18 महीने तक रहते हैं, फिर अगली राशि में प्रवेश करते हैं।
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हिंदू पौराणिक कथाओं में राहु और केतु को एक ही शरीर के दो हिस्सों के रूप में दर्शाया गया है। कहानी के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया तो उस मंथन से अनेक दिव्य वस्तुएं निकलीं, जैसे ऐरावत हाथी, उच्चैश्रवा घोड़ा, देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि जो देवताओं के वैद्य माने जाते हैं।
धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश था, जो अमरत्व देने वाला था। जब अमृत के विवरण की बारी आई तो देवताओं और असुरों में विवाद हो गया। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया, एक अत्यंत सुंदर अप्सरा का और दोनों पक्षों की सहमति से अमृत बांटने की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली। मोहिनी ने बड़ी चतुराई से अमृत केवल देवताओं को पिला दिया। लेकिन एक असुर जिसका नाम स्वरभानु था, उसने देवताओं की पंक्ति में चुपके से बैठकर अमृत का एक हिस्सा पी लिया।
जब सूर्य देव और चंद्र देव ने उसकी पहचान बताई, तो भगवान विष्णु ने तुरंत अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर काट दिया। परंतु क्योंकि उसने अमृत के कुछ बूंदे पी ली थीं इसलिए उसका सिर और शरीर दोनों अमर हो गए। उसका सिर राहु कहलाया और धड़ (पूंछ वाला भाग) केतु के नाम से जाना गया।
तब से राहु और केतु सूर्य देव और चंद्र देव के शत्रु बन गए। इसी कारण जब-जब राहु और केतु सूर्य या चंद्र के मार्ग में आते हैं, तो वे उन्हें ग्रस लेते हैं और यही घटना ग्रहण कहलाती है। हालांकि क्योंकि वे अमर हैं इसलिए सूर्य और चंद्र थोड़ी देर बाद फिर से मुक्त हो जाते हैं।
राहु नशे, लालच और अनंत इच्छाओं का ग्रह है। यह वह ग्रह है जो हमेशा सबका ध्यान अपनी ओर खींचना चाहता है और हर चीज़ को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है। आज के समय में राहु को उस व्यक्ति के रूप में माना जा सकता है जो समाज के निचले वर्ग से आता है, जैसे कि सफाई कर्मी। राहु को एक बड़ा काला सर्प भी कहा जाता है, जो ज़्यादा व्यावहारिक होता है और भावनाओं से कम जुड़ा रहता है।
2026 का राहु गोचर सभी ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण गोचरों में से एक है, क्योंकि राहु लगभग 18 महीनों तक एक ही राशि में रहता है। उसे पूरा राशि चक्र पूरा करने में लगभग 18 साल लगते हैं। वर्ष 2026 में राहु कुंभ राशि में 05 दिसंबर 2026 की रात 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
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कुंभ राशि समाज, नेटवर्क, लाभ, इच्छाओं की पूर्ति और समाज को कुछ लौटाने की भावना का प्रतीक है। यह एक हवा तत्व की, स्थिर और स्त्रैण प्रकृति वाली राशि है। राहु जब कुंभ राशि में होता है, तो यह व्यक्ति की इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाता है। कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह है और राहु इस राशि में शतभिषा नक्षत्र में स्थित होता है, इसलिए यह स्थान राहु के लिए अनुकूल माना जाता है। इस कारण से, राहु का कुंभ राशि में गोचर सामान्यतः शुभ परिणाम देता है।
इस दौरान जातक अपनी धन-संपत्ति बढ़ाने, नई संपत्तियां अर्जित करने और इच्छाओं की पूर्ति की दिशा में अधिक केंद्रित रह सकते हैं। कुंभ राशि प्राकृतिक कुंडली में एकादश भाव (लाभ और इच्छापूर्ति का भाव) दर्शाती है, इसलिए यह गोचर इच्छाओं की प्राप्ति और उपलब्धियों में वृद्धि का समय बन सकता है। राहु के कुंभ में गोचर के दौरान व्यक्ति अपने लक्ष्यों को पाने के लिए और अधिक उत्साही, जुनूनी और सक्रिय हो सकते हैं। हालांकि, ये सामान्य भविष्यवाणियां हैं। आपके लिए यह गोचर कैसा रहेगा, यह जानने के लिए आपकी जन्म कुंडली और जन्म विवरण के अनुसार व्यक्तिगत विश्लेषण आवश्यक है।
मेष राशि वालों के लिए यह गोचर आपके ग्यारहवें भाव में हो रहा है। यह भाव लाभ, इच्छाओं की पूर्ति, नेटवर्किंग और बड़े भाई-बहनों से जुड़ा हुआ है। 2026 राहु गोचर के अनुसार, यह वर्ष आपके लिए काफी शुभ और लाभदायक रहने वाला है क्योंकि राहु को ग्यारहवें भाव में सबसे आरामदायक स्थिति मानी जाती है इस समय में आपके अंदर धन कमाने की तीव्र इच्छा पैदा होगी और आप अपने भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए मेहनत करेंगे। आपकी कई इच्छाएं और सपने पूरे हो सकते हैं। अगर आप व्यवसाय करते हैं, तो यह समय अपने बिज़नेस नेटवर्क को बढ़ाने और नए संपर्क बनाने के लिए बहुत अच्छा रहेगा।
हालांकि आपको अपने काम में योजना और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ना होगा, वरना आपको नुकसान भी हो सकता है। 5 दिसंबर 2026 तक राहु इस भाव में रहेगा, लेकिन फिर भी हो सकता है कि आप अपनी सभी इच्छाओं से पूरी तरह संतुष्ट महसूस न करें। आप अपने भाई-बहनों की मदद करेंगे और वे आपकी वजह से कुछ लाभ पा सकते हैं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि वे शायद आपके प्रति आभार व्यक्त न करें।
उनके साथ रिश्तों में कुछ खटास भी आ सकती है। इस दौरान आप अपना ज़्यादातर समय दोस्तों का दायरा बढ़ाने और नए लोगों से जुड़ने में लगाएंगे, लेकिन इससे आपकी व्यक्तिगत जिंदगी पर थोड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि आप अपने परिवार या खुद के लिए समय कम निकाल पाएंगे।
उपाय: हर दिन 33 बार “ॐ महाकाली नमः” मंत्र का जाप करें।
वृषभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर कुंडली के दसवें भाव में होगा, जो कि कर्म, पेशा, कार्यस्थल और समाज में आपकी छवि से जुड़ा होता है। इस स्थिति में राहु आपको अपने करियर में आगे बढ़ने और सफलता पाने की तीव्र इच्छा देगा। यह समय खासतौर पर उन लोगों के लिए शुभ रहेगा, जो फिल्म, अभिनय, डांस मनोरंजन या स्टेज आर्टिस्ट जैसे क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। इस दौरान आप अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और प्रसिद्धि भी पा सकते हैं। कई जातकों को विदेश से करियर जुड़ा मिल सकता है या विदेश यात्रा का योग बन सकता है, जो आपके लिए लाभदायक और प्रगतिशील रहेगा।
हालांकि, यदि आप अपने गृहनगर या उसी स्थान पर काम कर रहे हैं, तो वहां आपको संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है और सफलता मिलने में कठिनाई आ सकती है। ऐसे में आपके लिए विदेश या किसी अन्य शहर में काम करना अधिक फायदेमंद रहेगा। यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आपको अपने बिज़नेस में नई दिशा या बदलाव की जरूरत पड़ सकती है। आउटसोर्सिंग या विदेशी क्लाइंट्स के साथ काम करने से आपको अच्छा लाभ मिल सकता है।
यह गोचर आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और आपकी बैंक बैलेंस व बचत में वृद्धि करेगा। लेकिन इसके बावजूद आप अपने द्वारा अर्जित धन से पूर्ण संतुष्टि महसूस नहीं करेंगे, यानी पैसा तो मिलेगा, पर मन में कुछ कमी महसूस हो सकती है।
उपाय: शुक्रवार के दिन मां महाकाली की पूजा करें।
मिथुन राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपकी कुंडली के नौवें भाव में होगा, जो कि भाग्य, धर्म, उच्च शिक्षा, लंबी यात्राओं और गुरु से संबंधित होता है। इस समय राहु के प्रभाव से आपके जीवन में विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं, खासकर लंबी दूरी की यात्राएं। आपके अंदर नई जगहों की खोज करने, जीवन का आनंद लेने और सुख पाने की इच्छा बढ़ेगी। चूंकी आपकी राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं इसलिए यह समय आपको पढ़ाई और ज्ञान की ओर प्रेरित करेगी।
आप अपनी उच्च शिक्षा या रिसर्च के लिए विदेश जाने की योजना बना सकते हैं, और इस दिशा में आपके प्रयास सफल रहेंगे। राहु का यह गोचर धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहेगा। आपको अन्य धर्मों, संस्कृतियों और परंपराओं के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी। आप यह समझने की कोशिश करेंगे कि लोग किन मान्यताओं और विश्वासों के आधार पर जीवन जीते हैं। हालांकि इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। आपके पिता, गुरु या वरिष्ठ व्यक्तियों के साथ विचारों में मतभेद या बहस की स्थिति बन सकती है।
इसके अलावा, कुछ करीबी दोस्त या रिश्तेदार आपको धोखा दे सकते हैं या गुमराह कर सकते हैं, इसलिए इस समय सावधानी से निर्णय लेना बहुत जरूरी होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ललिता सहस्रनाम” का पाठ करें।
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कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपकी कुंडली के आठवें भाव में होगा, जो कि अचानक होने वाली घटनाओं रहस्यों, स्वास्थ्य, रिश्तों और आर्थिक उतार-चढ़ाव से संबंधित होता है। यह स्थिति, सेहत, धन और करियर से जुड़ी कुछ परेशानियां या रुकावटें आ सकती हैं। इस गोचर के दौरान आपके जीवन में अनिश्चितता, डर या अचानक होने वाली घटनाएं बढ़ सकती हैं।
राहु आपकी सोच पर असर डाल सकता है, जिससे आप कभी-कभी गलत रास्ते से धन कमाने की इच्छा रख सकते हैं, लेकिन ऐसा करना आपके लिए लंबे समय में नुकसानदायक साबित होगा। आपको इस दौरान अचानक खर्चों का सामना करना पड़ सकता है और आपकी बचत पर भी असर पड़ेगा। परिवार के नज़दीकी सदस्यों के साथ तनाव या गलतफहमी भी पैदा हो सकती है, जिससे घरेलू माहौल प्रभावित हो सकता है।
स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह समय थोड़ा कमजोर रह सकता है। इसलिए खान-पान पर ध्यान दें, और शराब या नशे की चीज़ों से दूर रहें। साथ ही, ड्राइव करते समय सावधानी ज़रूर बरतें। हालांकि, इस समय अगर आपकी रुचि गूढ़ विद्याओं में है जैसे वैदिक ज्योतिष, अंक ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडिंग या तंत्र विद्या, तो आप इस दिशा में कुछ नया सीख सकते हैं और इसमें सफलता भी पा सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन 21 बार “ॐ सोमाय नमः” का जाप करें।
राहु आपके सातवें भाव में गोचर करेगा। जब राहु आपकी कुंडली के सातवें भाव में गुजरता है, तो रिश्तों पर इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है। आप पति-पत्नी या पार्टनर के प्रति जरूरत से ज्यादा शक करने वाले या नियंत्रित करने वाले हो सकते हैं।
सिंगल लोगों का रिश्ता किसी विदेशी या अलग संस्कृति वाले व्यक्ति से बन सकता है। आपकी उम्मीदें बढ़ने की वजह से पार्टनर पर दबाव बढ़ सकता है और रिश्ते में तनाव आने की संभावना रहती है। राहु धोखे और गलतफहमियों का संकेत भी देता है, इसलिए इस समय धोखा मिलने या गलती से किसी गलत रिश्ते में पड़ जाने का खतरा बढ़ जाता है, यह आपकी और आपके पार्टनर की कुंडली पर निर्भर करेगा।
काम और बिज़नेस के लिए यह समय अच्छा साबित हो सकता है, खासकर पार्टनरशिप में। विदेशी लोगों से काम के अवसर मिल सकते हैं और लाभ बढ़ने की संभावना है। महिलाओं के लिए यह गोचर ज़्यादा शुभ माना गया है। आपके नेटवर्क बिज़नेस को बढ़ाने में मदद करेगा। स्वास्थ्य के मामले में आपको अपना ध्यान रखना होगा क्योंकि पैरों में दर्द या कमजोरी हो सकती है।
उपाय: रोज़ 21 बार “ॐ दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप करें।
कन्या राशि वालों के लिए राहु आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। इस समय आपकी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा या कॉम्पिटिशन को पास करने की इच्छा पूरी हो सकती है। अगर कोई कोर्ट या कानूनी मामला चल रहा है, तो उसके आपके पक्ष में सुलझने की अच्छी संभावना है। करियर के मामले में भी यह समय फायदा दे सकता है, आय बढ़ सकती है और बैंक बैलेंस भी अच्छा हो सकता है। लेकिन एक नेगेटिव पक्ष यह है कि आपकी इच्छाएं बढ़ेंगी और आप जरूरत से ज्यादा खर्च करने लग सकते हैं।
शौक और लग्जरी के लिए लोन लेना आगे चलकर नुकसानदेह हो सकता है। हां, अगर आप पढ़ाई, घर खरीदने या बिज़नेस बढ़ाने के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो राहु उसमें मदद करेगा। परिवार में पैतृक संपत्ति या विरासत को लेकर विवाद की भी संभावना बन सकती है। स्वास्थ्य की बात करें तो आपको खास तौर पर अपने पैरों में दर्द या तकलीफ की समस्या हो सकती है।
खाना समय पर और सादगी से खाना बहुत जरूरी है, नहीं तो पाचन संबंधी दिक्कतें और यहां तक कि फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है। समय–समय पर अपना केएफटी और एलएफटी जैसे ब्लड टेस्ट करवाते रहें, और ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं।
उपाय: बुधवार के दिन पक्षियों को अनाज खिलाएं
तुला राशि वालों के लिए राहु का गोचर कुंभ राशि में आपके पांचवें भाव में होगा। तुला राशि के जातकों के लिए राहु एक अनुकूल ग्रह माना जाता है और इसका पांचवें भाव में रहना आपकी क्रिएटिविटी को बढ़ाएगा। यह भाव भावनाओं का भी होता है, इसलिए इस दौरान आप थोड़ा ज्यादा भावुक भी हो सकते हैं। पांचवां भाव आपका शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान का भी प्रतिनिधित्व करता है।
राहु के यहां होने से आप प्रेम संबंधों की ओर अधिक आकर्षित हो सकते हैं और यह समय इन्हें मजबूत करने वाला भी हो सकता है। अगर आप विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो यह सही समय है, आप विदेश विश्वविद्यालयों में आवदेन करें। राहु के प्रभाव से आपका किसी विदेशी व्यक्ति या अलग संस्कृति के व्यक्ति के साथ रोमांटिक संबंध बनने की भी संभावना है। लेकिन ध्यान रखें, इस समय भावुक होकर किसी रिश्ते में न पड़े, क्योंकि धोखा मिलने की भी आशंका है।
पांचवां भाव शेयर बाजार और सट्टेबाज़ी से भी जुड़ा है, इसलिए राहु का यह गोचर इस क्षेत्र में आपको अच्छा लाभ दे सकता है। लेकिन ज्यादा जोखिम लेकर बहुत बड़ी रकम निवेश करने से बचें, वरना नुकसान हो सकता है। ऊपर बताए गए सभी फल सामान्य हैं और आपके जन्म कुंडली में राहु की स्थिति व आपके ग्रहों की शक्ति पर निर्भर करते हैं। लाभ या हानि आपके चल रहे दशा-अंतरदशा पर भी आधारित होंगे।
उपाय: रोज़ दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
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वृश्चिक राशि वालों के लिए वर्ष 2026 में, राहु आपकी चंद्र राशि से चौथे भाव में 05 दिसंबर 2026 तक बना रहेगा। इस वजह से घर खरीदने, बनाने या मरम्मत करवाने के मामलों में आपको खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। चौथे भाव में राहु होने से घर परिवार की सुख-सुविधाओं में कमी महसूस हो सकती है। परिवार पर अचानक और अचाहे खर्च भी बढ़ सकते हैं, जो आपको परेशान कर सकते हैं।
इस अवधि में घर से जुड़ा कोई बड़ा निर्णय लेने से बचना बेहतर होगा। राहु के प्रभाव से परिवार में तनाव रिश्तों में दूरी या गलतफहमियां संभव हैं। माता के स्वास्थ्य पर खर्च होने की भी संभावना है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है। कुछ लोग इस अवधि में घर से दूर या विदेश भी जा सकते हैं।
2026 राहु गोचर के अनुसार, नकारात्मक रूप से देखें तो माता के साथ संबंध बहुत अनिश्चित रह सकते हैं, कभी बहुत भावुकता, तो कभी बहस या टकराव की स्थिति बन सकती है। यह राहु का गोचर आपकी घरेलू शांति को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए गृहस्थ जीवन पर ज्यादा ध्यान देने की सलाह है। हालांकि, इसके परिणाम आपके कुंडली की मजबूती और राहु की शक्ति पर भी निर्भर करते हैं।
उपाय: शुक्रवार को बुजुर्ग महिलाओं को भोजन कराएं।
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धनु राशि वालों के लिए वर्ष 2026 सामान्य रूप से अनुकूल रहेगा। पूरे साल दिसंबर 2026 तक राहु आपकी कुंडली के तीसरे भाव में रहेगा, जिससे आपके अंदर साहस, आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। अगर आपकी जन्म कुंडली में राहु मजबूत है, तो यह गोचर आपके लिए बहुत शुभ साबित हो सकता है।
इस दौरान आप हाथों से जुड़ी कोई नई कला सीख सकते हैं और विदेश यात्रा या करियर के लिए बाहर जाने के योग भी मजबूत होंगे। राहु के प्रभाव से आपको महिलाओं का अच्छा सहयोग मिलेगा और आपकी बातों में विशेष प्रभाव दिखाई देगा।
2026 राहु गोचर के अनुसार, नकारात्मक पक्ष की बात करें तो छोटे भाई-बहनों से संबंध कमजोर पड़ सकते हैं और आपकी बातचीत का अंदाज कभी-कभी तीखा हो सकता है। फिर भी इन सभी परिणामों का असली असर आपकी कुंडली में राहु की ताकत पर निर्भर करेगा, इसलिए व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण भी आवश्यक है।
उपाय: गुरुवार के दिन मां दुर्गा की पूजा करें।
मकर राशि वालों के लिए 2026 में राहु आपके दूसरे भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपके खर्चे अचानक बढ़ सकते हैं और परिवार में नैतिक मूल्यों या आपसी समन्वय में कमी महसूस हो सकती है। राहु के प्रभाव से जीवन में भौतिक इच्छाएं और लगाव बढ़ेगा, लेकिन वादे निभाने में कठिनाई आ सकती है।
आपकी कुंडली में राहु की स्थिति और आपकी जन्म कुंडल की मजबूती के आधार पर ही वास्तविक फल मिलेंगे। इस समय कुछ अनिश्चित परिस्थितियां भी बन सकती हैं, इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी रखें और शराब पीकर ड्राइव न करें। साथ ही विदेशी या अनोखा भोजन खाने की इच्छा बढ़ेगी, जिससे फूड पॉइजनिंग की संभावना भी रहेगी, इसलिए खानपान पर ध्यान रखें। इस गोचर के दौरान आर्थिक मामलों में विशेष सतर्कता जरूरी है।
खर्च बढ़ सकते हैं, जमा धन कम हो सकता है और कई बार अपनी बात या वादा पूरा करना मुश्किल लग सकता है। कुल मिलाकर यह राहु का गोचर सामान्य से अधिक चुनौतीपूर्ण परिणाम दे सकता है इसलिए आपको अपने व्यवहार, खर्च और स्वास्थ्य पर पूरा नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है।
उपाय: शनिवार को राहु देव के लिए तेल का दीपक जलाएं।
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कुंभ राशि के जातकों के लिए साल 2026 में राहु आपके लग्न भाव यानी पहले घर में कुंभ राशि में गोचर करेगा। लग्न में राहु का होना इस दौरान उसे बहुत शक्तिशाली बना देगा। इसका सीधा असर आपकी व्यक्तित्व और आदतों पर पड़ेगा। राहु के पहले घर में होने से आप और ज्यादा क्रिएटिव, विदेश यात्रा की इच्छा रखने वाले और कुछ अनोखा करने की चाहे रखने वाले बन सकते हैं। आपकी को खास प्रतिभा आपको लोगों के बीच फेम या पहचान भी दिला सकती है।
2026 राहु गोचर के अनुसार, आपकी जिज्ञासा भी बढ़ेगी और आप दूसरों से अलग दिखना चाहेंगे। लेकिन इस गोचर का एक नकारात्मक असर यह हो सकता है कि आपका व्यवहार थोड़ा अस्थिर या अजीब लगे, जिससे आपकी पर्सनैलिटी में भ्रम बढ़ सकता है। आप जल्दी गुस्सा हो सकते हैं या बातों पर तुरंत रिएक्ट कर सकते हैं। आपको जो मिलता है उससे अंसतोष भी हो सकता है। इस दौरान पाचन संबंधी समस्याएं या छोटी-मोटी हेल्थ दिक्कतें भी हो सकती है।
उपाय: राहु शांति के लिए रोज़ 40 बार “ॐ रहवे नमः” का जाप करें।
राहु आपके बारहवें भाव में, यानी कुंभ राशि में गोचर करेगा। राहु का बारहवें भाव में होना आपको विदेश जाने के मौके दे सकता है, चाहे पर्सनल काम से हो या करियर की वजह से। इस दौरान आपके पास जॉब बदलने और बेहतर मौके पाने के अच्छे योग बन सकते हैं। बारहवें भाव में राहु की वजह से आपके खर्चे बढ़ सकते हैं।
अगर आप विदेश शिफ्ट होते हैं, तो वहाँ आपको ज्यादा अच्छा रिज़ल्ट मिल सकता है, बनिस्बत अपने होमटाउन में रहने के। इस साल बारहवें भाव में राहु की स्थिति की वजह से आपको रात में नींद की दिक्कत भी हो सकती है, जैसे देर से नींद आना, बेचैनी, या नींद टूट जाना। इस गोचर के दौरान आपको जो अच्छे या कम अच्छे परिणाम मिलेंगे, वो आपकी जन्म कुंडली में राहु की स्थिति पर भी निर्भर करेंगे।
उपाय: गुरुवार के दिन किसी गरीब ब्राह्मण को कच्चा चावल दान करें।
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1. राहु गोचर क्या होता है?
राहु गोचर का अर्थ है जब राहु ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। राहु हर राशि में लगभग 18 महीनों तक रहता है और फिर अगली राशि में प्रवेश करता है।
2. 2026 में राहु गोचर कब होगा?
वर्ष 2026 में राहु कुंभ राशि में रहेगा और 05 दिसंबर 2026, रात 08:20 बजे तक वहीं स्थित रहेगा। इसके बाद राहु मकर राशि से कुंभ में गोचर करेगा।
3. 2026 राहु गोचर का सबसे अधिक असर किन राशियों पर पड़ेगा?
2026 में राहु का प्रमुख प्रभाव कुंभ, मकर, मीन, और सिंह राशि वालों पर विशेष रूप से देखा जाएगा।