सूर्य ग्रहण 2022 - Surya Grahan 2022 | Solar Eclipse 2022 Date & Time in Hindi

Author: Vijay Pathak | Last Updated: Tue 14 Dec 2021 2:21:52 PM

सूर्य ग्रहण 2022 (Surya Grahan 2022) का हमारा यह लेख आपको, साल 2022 में पड़ने वाले सभी सूर्य ग्रहण की विस्तृत जानकारी देगा। सूर्य ग्रहणों का समय, तिथि, ग्रहण का प्रभाव, ग्रहण की धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताएँ आदि जैसी हर छोटी-बड़ी जानकारी पाने के लिए अभी पढ़ें हमारा यह लेख।

सूर्य ग्रहण 2022

सूर्य ग्रहण 2022 उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर चन्द्रमा गुजरता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य को पूर्ण या फिर आंशिक रूप से चन्द्रमा आच्छादित कर लेता है। साधारण शब्दों में कहें तो कभी-कभी सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है जिसकी वजह से सूर्य की रोशनी(कुछ या सारी) रुक जाती है और धरती पर कुछ समय के लिए साया फैल जाता है। इसी खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन ही घटित होता है।

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का असर पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओं पर पड़ता है। इस घटना को नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाली अवधि माना गया है, जिस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण के समय किन-किन कार्यों को करने की मनाही होती है ये जांनने से पहले चलिए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं-

सूर्य ग्रहण 2022 के प्रकार

  • पूर्ण सूर्य ग्रहण

पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और पृ्थ्वी पूरी तरह से चन्द्रमा से ढक जाता है, जिसकी वजह से सूर्य का प्रकाश पृ्थ्वी तक पहुँच नहीं पाता है और पृथ्वी पर पूरा सूर्य दिखाई नहीं देता। इस ग्रहण को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।

  • आंशिक सूर्य ग्रहण

आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है और सूर्य का कुछ भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है। इस वजह से सूर्य का कुछ भाग ग्रहण ग्रास में और कुछ भाग ग्रहण से अप्रभावित रहता है तो पृथ्वी के उस भाग विशेष में लगे ग्रहण को आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।

  • वलयाकार सूर्य ग्रहण

वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के काफ़ी दूर रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है यानि चन्द्र सूर्य को इस प्रकार ढकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है। इस दौरान पृथ्वी से देखने पर चन्द्रमा द्वारा सूर्य पूरी तरह ढका दिखाई नहीं देता बल्कि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने की वजह से कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई पड़ता है। कंगन आकार में बने सूर्यग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

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साल 2022 में कितने सूर्य ग्रहण लगेंगे?

सूर्य ग्रहण हर साल घटित होने वाली एक खगोलीय घटना है, जिनकी संख्या में हर वर्ष बदलाव देखे जा सकते हैं। साल 2022 में कुल 2 सूर्य ग्रहण घटित होंगे जिनमें से एक ग्रहण का सूतक भारत में मान्य नहीं होगा, तो वहीं दूसरे ग्रहण का सूतक मान्य होगा।

  • साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण, वर्ष के पांचवें महीने में 1 मई 2021 को लगेगा।
  • दूसरा और साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, 25 अक्टूबर 2021 को पड़ने वाला है।

चलिए अब विस्तार से जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय, दृश्यता व उससे संबंधित अन्य ज़रूरी बातों के बारे में।

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पहला सूर्य ग्रहण - 1 मई 2022
पहला सूर्य ग्रहण 2022
दिनांक सूर्य ग्रहण प्रारंभ सूर्य ग्रहण समाप्त दृश्य क्षेत्र
1 मई 00:15:19 बजे से 04:07:56 बजे तक साउथ अमेरिका का दक्षिणी-पश्चिमी भाग, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र, अटलांटिक और अंटार्टिका

सूचना: उपरोक्त तालिका में दिया गया समय भारतीय समयानुसार है। इस कारण ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इस सूर्य ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण 2022 का पहला सूर्य ग्रहण एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो 1 मई 2021 को लगेगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस सूर्य ग्रहण का समय रविवार, 1 मई 2021 को सुबह 00:15:19 बजे से, प्रातः 04:07:56 बजे तक होगा। इस सूर्य ग्रहण का दृश्य क्षेत्र साउथ अमेरिका का दक्षिणी-पश्चिमी भाग, प्रशांत महासागरीय क्षेत्र, अटलांटिक और अंटार्टिका होगा। भारत में ये सूर्य ग्रहण दृश्य नहीं होगा, जिस कारण भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा।

दूसरा सूर्य ग्रहण - 25 अक्टूबर 2022

दूसरा सूर्य ग्रहण 2022
दिनांक सूर्य ग्रहण प्रारंभ सूर्य ग्रहण समाप्त दृश्य क्षेत्र
25 अक्टूबर 16:29:10 बजे से 17:42:01 बजे तक यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप का उत्तरी-पूर्वी भाग, एशिया का दक्षिणी-पश्चिमी भाग और अटलांटिक

सूचना: उपरोक्त तालिका में दिया गया समय भारतीय समयानुसार है। इस कारण ये सूर्य ग्रहण भारत के कुछ जगहों पर दिखाई देगा। इसलिए भारत में इस सूर्य ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य होगा।

साल 2022 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022 को पड़ेगा, जो एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, इसलिए यहाँ इसका सूतक प्रभावी होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस सूर्य ग्रहण का समय शाम में 16:29:10 बजे से शुरू होकर 17:42:01 बजे तक होगा। इसकी दृश्यता यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप का उत्तरी-पूर्वी भाग, एशिया का दक्षिणी-पश्चिमी भाग और अटलांटिक में होगी।

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सूर्य ग्रहण का पौराणिक महत्व

एक प्रचलित कथा के अनुसार जब देवता और असुरों में समुद्र मंथन हुआ तो, उस मंथन से एक कलश में अमृत निकला। अमरत्व प्राप्ति की चाह में देवताओं और असुरों के बीच उस कलश के लिए युद्ध हुआ, जिसमें असुर, देवताओं को पराजित कर से अमृत छीन पाने में कामयाब हो गए थे। असुरों को अमृत के सेवन से रोकने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर अपने सुन्दर रूप से असुरों का मन मोह लिया और चालाकी से दानवों से अमृत ले पाने में कामयाब रहें। जब मोहिनी रूप में विष्णु देवताओं में अमृत बांटने लगे तो स्वरभानु नामक दैत्य ने अमृतपान करने के लिए एक चाल चली। वह रूप बदलकर देवताओं की कतार में खड़ा हो गया, लेकिन स्वरभानु की इस चाल को चंद्रदेव और सूर्य देव समझ गए और जैसे ही दैत्य अमृतपान कर रहा था, उसी समय चंद्र-सूर्य ने उसकी कलई खोल दी। तब भगवान विष्णु ने क्रोधित होकर अपने सुदर्शन च्रक से स्वरभानु की गर्दन को उसके धड़ से अलग कर दिया।

चूँकि स्वरभानु ने तब तक अमृत की कुछ बूँदें पी ली थी, इसलिए उसकी मृत्यु नहीं हुई और तब से उसका सिर राहु व धड़ केतु कहलाया। मान्यता है कि तभी से अपने उसी बैर के कारण राहु और केतु हर साल ग्रहण के रूप सूर्य-चंद्र पर ग्रहण लगाते हैं।

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सूतक काल के दौरान ज़रूर बरते ये सावधानियाँ

शास्त्रों में ऐसे भी कई कार्य बताए गए हैं जो हमे किसी भी ग्रहण के सूतक काल के दौरान करना अनिवार्य होता है। सूतक के दौरान जातकों को कुछ विशेष सावधानियाँ बरतने की सलाह दी जाती है। जैसे:--

सूर्य ग्रहण के सूतक लग जाने के बाद से लेकर ग्रहण के खत्म होने तक की अवधि में किसी भी नये कार्य या मांगलिक कार्यों का शुभारंभ नहीं करना चाहिए। ग्रहण काल से पहले बने भोजन में हमेशा तुलसी के पत्ते डाल दें। इस दौरान तुलसी के पौधे को छूना भी मना होता है। सूतक काल के दौरान भोजन बनाने और खाने दोनों से ही परहेज करना चाहिए।

धार्मिक दृष्टिकोण से सूतक काल के दौरान किसी भी मूर्ति को स्पर्श करना बेहद अशुभ होता है। इस दौरान मल-मूत्र और शौच जाने की भी मनाही होती है। इसलिए इस अवधि के दौरान इन कार्यों को करने से बचें। साथ ही इस समय दांतों की सफाई और बालों में कंघी करने से भी बचें। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिला घर से बाहर न निकलें और ना ही सुई, कैंची, चाकू आदि का उपयोग करें।

सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जप करें-

"ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ”

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सूर्य ग्रहण 2022 के बाद ज़रूर करें ये कार्य

ग्रहण समाप्त हो जाने के तुरंत बाद घर को शुद्ध ज़रूर करें। घर के मुख्य द्वार और घर के कोने-कोने पर गंगाजल का छिड़काव करें। ग्रहण के बाद स्नान करें और पूजा स्थल की सफाई के साथ-साथ देवी-देवताओं की मूर्तियों का गंगाजल से शुद्धिकरण करें। इसके अलावा ईश्वर की आराधना, ध्यान और व्यायाम करते हुए दान-पुण्य करें। पूजा में सूर्य देव की आराधना ज़रूर करें। अंत में ग्रहण काल की समाप्ति पर केवल ताजा भोजन ही बनाएं।

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हम आशा करते हैं कि सूर्य ग्रहण 2022 पर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोकैंप से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद !

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