Author: Vijay Pathak | Last Updated: Mon 19 Sep 2022 5:16:08 PM
साल 2023 की अमावस्या, एस्ट्रोकैंप के इस विशेष लेख में आपको साल 2023 में आने वाली सभी अमावस्या तिथियों की सटीक जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस कैलेंडर के माध्यम से हम आपको साल 2023 की अमावस्या का महत्व, पौराणिक कथा और रीति-रिवाज़ों से भी रूबरू कराएंगे।
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है, जो अमावस के नाम से भी जानी जाती है। अमावस्या तिथि के दिन चंद्रमा आसमान से पूरी तरह लुप्त हो जाता है, जिसकी वजह से चारों तरफ अंधेरा छाया रहता है। चंद्रमा को अपनी धुरी पर रहकर पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में 28 दिन लगते हैं। धार्मिक मान्यता है कि साल 2023 की अमावस्या तिथि पर श्राद्ध, ध्यान और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है।
अमावस्या पर लोगों को किसी भी तरह के बुरे कार्यों को करने और मन में बुरे ख़्याल लाने से बचना चाहिए। साथ ही यदि आप इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान देते हैं तो आपको शुभ फल प्राप्त होंगे। साल 2023 की अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव हैं इसलिए ये दिन उन लोगों के लिए बहुत ख़ास होता है जो पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं।
अमावस्या को अधिकांश धर्मों में "न्यू मून डे" भी कहा जाता है और इस रात से शुरू होने वाले पक्ष को कृष्ण पक्ष कहते हैं। हिंदू धर्म में दो अमावस्याओं को सबसे शुभ माना जाता है। पहली, माघ महीने में आने वाली मौनी अमावस्या और दूसरी महालय अमावस्या, जो आश्वयुज माह में आती है। ग्रेगरियन कैलेंडर के अनुसार, माघ अमावस्या जनवरी-फरवरी में आती है जबकि महालय अमावस्या सितंबर या अक्टूबर में पड़ती है। तमिलनाडु में आदि माह की अमावस्या को महत्वपूर्ण माना जाता है। जबकि केरल में कार्किडकम महीने में आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है।
एक वर्ष में कुल 12 अमावस्या तिथियां आती हैं यानी कि हर माह में एक अमावस्या तिथि पड़ती है। तो बिना देर किए नज़र डालते हैं साल 2023 की अमावस्या तिथियों पर।
| दिन | तिथि | अमावस्या |
| 21 जनवरी | शनिवार | माघ अमावस्या |
| 20 फरवरी | सोमवार | फाल्गुन अमावस्या |
| 21 मार्च | मंगलवार | चैत्र अमावस्या |
| 20 अप्रैल | गुरुवार | वैशाख अमावस्या |
| 19 मई | शुक्रवार | ज्येष्ठ अमावस्या |
| 18 जून | रविवार | आषाढ़ अमावस्या |
| 17 जुलाई | सोमवार | श्रावण अमावस्या/ हरियाली अमावस्या |
| 16 अगस्त | बुधवार | श्रावण अमावस्या (अधिक) |
| 14 सितंबर | गुरुवार | भाद्रपद अमावस्या |
| 14 अक्टूबर | शनिवार | अश्विन अमावस्या |
| 13 नवंबर | सोमवार | कार्तिक अमावस्या |
| 12 दिसंबर | मंगलवार | मार्गशीर्ष अमावस्या |
पूरे साल भर में आने वाली सभी साल 2023 की अमावस्या तिथियों को बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। हालांकि, सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या का ज़्यादा महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या पर व्रत करने से विवाहित स्त्रियों को सुहागिन रहने और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या को पितृ पूजन के लिए बेहद शुभ माना गया है। यही वजह है कि इस दिन हिंदू धर्म लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध एवं तर्पण आदि करते हैं।
सितंबर से अक्टूबर के दौरान पड़ने वाले कृष्ण पक्ष को पितृ पक्ष के नाम से जाना जाता है। जो श्राद्ध के रूप में पूर्वजों के प्रति आदर-सम्मान प्रकट करने की अवधि होती है। हिंदू जातकों द्वारा सौभाग्य और समृद्धि के लिए, इस दिन चंद्र पूजन भी किया जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्रदेव अपनी युवावस्था में अत्यंत सुंदर थे और इनका विवाह राजा दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से हुआ था। चंद्र देव की सभी पत्नियों में रोहिणी सबसे सुंदर थी इसलिए चंद्र देव अपनी 26 पत्नियों के साथ पक्षपात करते हुए अपना ज्यादातर समय रोहिणी के साथ बिताते थे।
जब चंद्र देव की सभी पत्नियों ने इस बारे में अपने पिता दक्ष को बताया तो उन्होंने चंद्रदेव के इस पक्षपातपूर्ण व्यवहार से क्रोधित होकर श्राप दे दिया कि वे धीरे-धीरे अपनी चमक और सुंदरता खो देंगे। लेकिन चंद्रमा की अनुपस्थिति के कारण संसार अंधेरे में डूब जाएगा। ऐसे में चंद्र देव ने श्राप से मुक्ति पाने के लिए सच्चे हृदय और श्रद्धाभाव से भगवान शिव की पूजा की। चंद्र देव की भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें श्राप से मुक्त किया, लेकिन पूरी तरह से नहीं। इसी श्राप के प्रभाव से चंद्रमा का आकार आज तक घटता और बढ़ता रहता है और महीने में एक बार ये पूरी तरह विलुप्त हो जाता है, जिसे अमावस्या तिथि कहा जाता है।
अमावस्या 2023 पर भक्तजन सुख-शांति और समृद्धि के लिए अनेक तरह के अनुष्ठान करते हैं तो आइये जानते हैं इस दिन किये जाने वाले रीति-रिवाज़ों के बारे में:
अमावस्या तिथि का संबंध मोक्ष या मुक्ति से माना गया है और यह दिन आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत करने के लिए श्रेष्ठ होता है। जो लोग अपनी आत्मा का शुद्धिकरण करना चाहते हैं, उनके लिए यह दिन उपयुक्त है।
अमावस्या पर चंद्रमा की अनुपस्थिति दर्शाती है कि यह समय बाहर की बजाय अपने भीतर झांकने का है इसलिए इस दिन हमें अपने मन की अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए अपने भीतर छिपे परम सत्य को जानना चाहिए।
अमावस्या का संबंध भगवान शिव से भी है, जो हमें हमारे जीवन के परम सत्य से अवगत कराने में विशेष भूमिका निभाते हैं।
माघ अमावस्या को विभिन्न धर्मों में मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। माघ महीने को बेहद शुभ माना गया है इसलिए इस महीने में पड़ने वाली अमावस्या को भी पवित्र माना जाता है। 2023 में माघ अमावस्या 21 जनवरी, 2023 दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन लोग पवित्र स्नान, पूजा-पाठ और दान-पुण्य आदि करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माघ अमावस्या से जुड़ी मान्यता है कि इस दिन पितृ धरती पर आते हैं इसलिए जो मनुष्य मौनी अमावस्या पर अपने पूर्वजों की शांति के लिए पूजा करता है, उसे उनका आशीर्वाद मिलता है। साथ ही सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त होते हैं।
हरियाली अमावस्याहरियाली अमावस्या हर साल श्रावण महीने में आती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2023 में हरियाली अमावस्या 17 जुलाई, 2023 दिन सोमवार को मनाई जाएगी। इस अमावस्या को शिव जी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। हरियाली तीज के आसपास आने के कारण इस तिथि को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं और कुंवारी कन्याएं योग्य वर पाने के लिए व्रत रखती हैं।
शनिश्चरी अमावस्याजैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। कई बार इस तिथि को शनि देव के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शनिदेव धरती पर आते हैं। अमावस्या कैलेंडर 2023 के अनुसार, वर्ष 2023 में शनिश्चरी अमावस्या 2 बार पड़ रही है। पहली 21 जनवरी, 2023 को और दूसरी 14 अक्टूबर, 2023 को। जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष है, वे इस दिन शनि देव की पूजा-अर्चना कर, मुक्ति पा सकते हैं।
सोमवती अमावस्या 2023सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और सभी महिलाएं पीपल के पेड़ को मिठाई, दूध, दही आदि अर्पित करती हैं। साथ ही वृक्ष पर पवित्र धागा बांधते हुए 108 बार परिक्रमा करती हैं। वर्ष 2023 में कुल 3 सोमवती अमावस्या तिथियां पड़ रही हैं। पहली 20 फरवरी, 2023 को दूसरी 17 जुलाई, 2023 और तीसरी 13 नवंबर, 2023 को।
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