अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 का यह लेख आपको साल 2022 में अन्नप्राशन संस्कार कराने की शुभ तिथियों और शुभ समय की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही हम आपको बताएंगे अन्नप्राशन संस्कार का महत्व, अन्नप्राशन मुहूर्त की गणना करते समय ध्यान रखने योग्य बातें, अन्नप्राशन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां और भी बहुत सी खास बातें -

हिन्दू धर्म में अनेकों रीति-रिवाज़, संस्कार आदि होते हैं, लेकिन हम मुख्यतौर पर 16 संस्कारों को मानते हैं। इन 16 संस्कारों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। अन्नप्राशन संस्कार इन 16 संस्कारों में सातवां और बेहद खास संस्कार है। अन्नप्राशन का मतलब होता है “अनाज का सेवन करने की शुरुआत”। इस दिन से ही एक बच्चे को माँ के दूध के अलावा अन्न खिलाना शुरू करते हैं। अन्नप्राशन संस्कार को परिवारवाले बड़ी ही धूमधाम और विधि-विधान से पूजा-पाठ, अनुष्ठान आदि करा कर संपन्न करते हैं। तो अगर आप साल 2022 में अपने बच्चे का अन्नप्राशन कराना चाहते हैं और उसके लिए आपको शुभ मुहूर्त की आवश्यकता है तो यह लेख आपकी पूरी मदद करेगा। तो चलिए जानते हैं अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 के बारे में विस्तार से -
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नीचे दी गयी सूची में आपको साल 2022 में अन्नप्राशन कराने के लिए हर महीने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की जानकारी दी जा रही है-
| जनवरी अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 05 जनवरी | बुधवार | 07:15 | 14:06 |
| 06 जनवरी | गुरुवार | 12:30 | 14:02 |
| फरवरी अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 02 फरवरी | बुधवार | 08:31 | 14:11 |
| 03 फरवरी | गुरुवार | 10:37 | 14:07 |
| 07 फरवरी | सोमवार | 07:06 | 13:51 |
| 10 फरवरी | गुरुवार | 11:08 | 13:40 |
| 14 फरवरी | सोमवार | 07:01 | 13:24 |
| मार्च अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 04 मार्च | शुक्रवार | 06:44 | 14:28 |
| 09 मार्च | बुधवार | 08:31 | 13:42 |
| 18 मार्च | शुक्रवार | 06:28 | 12:47 |
| अप्रैल अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 06 अप्रैल | बुधवार | 06:06 | 14:38 |
| 11 अप्रैल | सोमवार | 06:00 | 06:51 |
| 14 अप्रैल | गुरुवार | 09:56 | 14:07 |
| मई अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 04 मई | बुधवार | 05:38 | 07:33 |
| 06 मई | शुक्रवार | 09:20 | 12:33 |
| जून अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 01 जून | बुधवार | 05:24 | 13:00 |
| 10 जून | शुक्रवार | 05:23 | 07:26 |
| 30 जून | गुरुवार | 13:26 | 15:57 |
| जुलाई अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 01 जुलाई | शुक्रवार | 05:27 | 15:53 |
| 06 जुलाई | बुधवार | 05:29 | 11:42 |
| अगस्त अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 04 अगस्त | गुरुवार | 05:44 | 15:58 |
| 10 अगस्त | बुधवार | 09:39 | 14:16 |
| 12 अगस्त | शुक्रवार | 05:49 | 07:06 |
| 29 अगस्त | सोमवार | 05:58 | 14:20 |
| सितंबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 01 सितंबर | गुरुवार | 05:59 | 14:08 |
| 05 सितंबर | सोमवार | 08:28 | 13:52 |
| 08 सितंबर | गुरुवार | 06:03 | 13:41 |
| 30 सितंबर | शुक्रवार | 06:14 | 14:18 |
| अक्टूबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 05 अक्टूबर | बुधवार | 06:16 | 12:01 |
| 07 अक्टूबर | शुक्रवार | 07:27 | 13:51 |
| 27 अक्टूबर | गुरुवार | 12:10 | 12:45 |
| 28 अक्टूबर | शुक्रवार | 06:30 | 10:34 |
| 31 अक्टूबर | सोमवार | 06:33 | 13:59 |
| नवंबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 03 नवंबर | गुरुवार | 06:35 | 13:47 |
| 28 नवंबर | सोमवार | 06:54 | 13:35 |
| 30 नवंबर | बुधवार | 06:56 | 08:59 |
| दिसंबर अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 | |||
| दिनांक | वार | मुहूर्त | |
| 02 दिसंबर | शुक्रवार | 06:57 | 13:20 |
| 08 दिसंबर | गुरुवार | 07:02 | 09:38 |
| 29 दिसंबर | गुरुवार | 11:45 | 12:59 |
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हम सभी जानते हैं कि एक बच्चा जब जन्म लेता है, तब से लेकर एक निश्चित समय तक वह माँ के दूध पर निर्भर होता है। लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ा होता है उसके विकास में दूध के अलावा लिए ठोस खाद्य पदर्थों की भी आवश्यकता होती है। इसलिए जब पहली बार बच्चे को अनाज खिलाया जाता है, तो वह दिन बेहद खास होता है जिसे लोग एक विशेष समय अवधि (मुहूर्त) के दौरान, हवन या यज्ञ विधि के साथ संपन्न करते हैं। इस विशेष समयावधि को अन्नप्राशन मुहूर्त के नाम से जानते हैं।
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हिन्दू धर्म में अन्नप्राशन संस्कार का विशेष महत्व हैं, जिसे बच्चे के बाल्यावस्था में संपन्न किया जाता है। अन्नप्राशन संस्कार का न केवल ज्योतिष में बल्कि वैज्ञानिक तौर पर भी बहुत महत्व होता है। विज्ञान के अनुसार देखें तो बच्चा मां के गर्भ में जब भोजन करता है, तो उसमें वो कुछ मलिन तत्व भी वह ग्रहण कर लेता है। उन सभी मलिन भोजन के दोष के निवारण और शिशु को शुद्ध भोजन कराने की प्रक्रिया को ही अन्नप्राशन संस्कार कहा गया है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करीब 84 योनियों को भोगने के बाद ही किसी को मानव का जन्म मिल पाता है। इसीलिए इस मानव जीवन में पहली बार की जाने वाली हर चीज़ बेहद खास होती है। हिन्दू धर्म के लोग तभी बच्चे का अन्नप्राशन एक विशेष मुहूर्त अनुसार ही करते हैं। अन्नप्राशन संस्कार खान-पान संबंधी दोषों को दूर करने के लिए बच्चे के जन्म के 6-7 महीने के बाद किया जाता है। मान्यता है कि इस संस्कार से बच्चे के बल, बुद्धि, स्वास्थ्य और पराक्रम में वृद्धि होती है।
अन्य किसी मुहूर्त की जानकारी के लिए क्लिक करें- शुभ मुहूर्त 2022 (लिंक)
अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 की गणना करते समय निम्नलिखित बातों का अवश्य ध्यान रखें -
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मंत्र - शिवौ ते स्तां व्रीहियवावबलासावदोमधौ । एतौ यक्ष्मं वि वाधेते एतौ मुञ्चतो अंहसः॥है। अर्थात् हे 'बालक! जौ और चावल तुम्हारे लिये बलदायक तथा पुष्टिकारक हों। क्योंकि ये दोनों वस्तुएं यक्ष्मा-नाशक हैं तथा देवान्न होने से पापनाशक हैं।”
जैसे, अगर बच्चा सोने के आभूषण पर हाथ रखता है, तो वह भविष्य में धनवान बनता है। अगर कलम पर बच्चा हाथ रखता है, तो अनुमान लगाया जाता है कि वह बुद्धिमान होगा। बच्चा अगर किताब पर हाथ रखें , तो वह सीखने में आगे रहता है।
अन्नप्राशन संस्कार करते समय इस समारोह में ज्यादा भीड़-भाड़ न करें, क्योंकि एक साथ ज़्यादा लोगों को देखकर बच्चा परेशान हो सकता है। इसके अलावा बच्चे को खाना खिलाते समय साफ़-सफाई का भी खास ध्यान रखें। बच्चे को किसी प्रकार का कोई इन्फेक्शन ना हो इसीलिए खाना खिलाते समय हर व्यक्ति अपने हाथ अच्छे से धोएं। अन्नप्राशन संस्कार के दौरान बच्चे को भारी-भरकम कपड़े के बजाय बच्चे की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ही उसे मुलायम व ढीले कपड़े ही पहनाएं। अन्नप्राशन संस्कार के दौरान कई बार कुछ माता-पिता रस्म पूरी करने के चक्कर में बच्चे को थोड़ा ज्यादा खाना खिला देते हैं, जिससे बच्चे का भोजन सही से नहीं पच पाता और उसे शारीरिक समस्या होने लगती है।
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उम्मीद है कि इस लेख में अन्नप्राशन मुहूर्त 2022 के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोकैंप से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद !
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