नामकरण संस्कार के लिए साल 2019 में कौन सा दिन रहेगा लिए सबसे ज्यादा शुभ, इस बारे आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं। आधुनिकता के इस दौर में आजकल बच्चों के नाम ऐसे रखे जाने लगे हैं कि उनका अर्थ बच्चों के माता-पिता से ही पूछना पड़ता है। माता-पिता अब देश-काल की सीमाओं से परे जाकर अपने बच्चों के लिए कुछ ऐसे नाम तलाशना चाहते हैं, जो बिलकुल ही अलग और ख़ास हो। कई बच्चों के नाम उनके माता-पिता के नाम के पहले अक्षरों को मिलाकर रखे जाने का आजकल एक ट्रेंड चल पड़ा है। नाम कैसा भी हो, वह एक ऐसी पहचान है, जो मृत्यु तक हमसे जुड़ी रहती है। इसलिए नाम रखते हुए सावधानी रखनी चाहिए और सोच-समझ कर ही नाम का चयन करना चाहिए।
| नामकरण संस्कार मुहूर्त 2019 | ||||
| दिनाँक | दिन | तिथि | नक्षत्र | समय |
| 02 जनवरी 2019 | बुधवार | द्वादशी | विशाखा नक्षत्र में | 09:39 - 18:28 |
| 03 जनवरी 2019 | गुरुवार | त्रयोदशी | अनुराधा नक्षत्र में | 07:15 - 11:03 |
| 07 जनवरी 2019 | सोमवार | प्रतिपदा | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में | 07:15 - 18:09 |
| 09 जनवरी 2019 | बुधवार | तृतीया | ध। निष्ठा नक्षत्र में | 07:15 - 14:38 |
| 18 जनवरी 2019 | शुक्रवार | द्वादशी | रोहिणी नक्षत्र में | 07:15 - 19:26 |
| 21 जनवरी 2019 | सोमवार | पूर्णिमा | पुष्य नक्षत्र में | 10:46 - 19:34 |
| 25 जनवरी 2019 | शुक्रवार | पंचमी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 07:13 - 18:18 |
| 30 जनवरी 2019 | बुधवार | दशमी | अनुराधा नक्षत्र में | 15:33 - 16:40 |
| 06 फरवरी 2019 | बुधवार | द्वितीया | धनिष्ठा नक्षत्र में | 07:07 - 09:53 |
| 07 फरवरी 2019 | गुरुवार | द्वितीया | शतभिषा नक्षत्र में | 07:06 - 12:09 |
| 11 फरवरी 2019 | सोमवार | षष्ठी | अश्विनी नक्षत्र में | 07:03 - 18:12 |
| 15 फरवरी 2019 | शुक्रवार | दशमी | मृगशिरा नक्षत्र में | 07:27 - 20:13 |
| 21 फरवरी 2019 | गुरुवार | द्वितीया | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 06:55 - 19:50 |
| 04 मार्च 2019 | सोमवार | तृतीया | श्रवण नक्षत्र में | 06:44 - 16:29 |
| 08 मार्च 2019 | शुक्रवार | द्वितीया | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में | 06:40 - 18:51 |
| 13 मार्च 2019 | बुधवार | सप्तमी | रोहिणी नक्षत्र में | 06:34 - 18:31 |
| 21 मार्च 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 07:13 - 20:16 |
| 22 मार्च 2019 | शुक्रवार | द्वितीया | हस्त नक्षत्र में | 06:24 - 20:12 |
| 25 मार्च 2019 | सोमवार | पंचमी | विशाखा नक्षत्र में | 07:03 - 20:00 |
| 01 अप्रैल 2019 | सोमवार | द्वितीया | धनिष्ठा नक्षत्र में | 06:12 - 19:23 |
| 05 अप्रैल 2019 | शुक्रवार | पूर्णिमा | रेवती नक्षत्र में | 14:20 - 19:17 |
| 10 अप्रैल 2019 | बुधवार | पंचमी | रोहिणी नक्षत्र में | 06:02 - 18:57 |
| 11 अप्रैल 2019 | गुरुवार | षष्ठी | मृगशिरा नक्षत्र में | 06:01 - 10:25 |
| 12 अप्रैल 2019 | शुक्रवार | सप्तमी | आर्द्रा नक्षत्र में | 09:54 - 13:24 |
| 17 अप्रैल 2019 | बुधवार | त्रयोदशी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 05:54 - 18:31 |
| 19 अप्रैल 2019 | शुक्रवार | पूर्णिमा | चित्रा नक्षत्र में | 16:42 - 19:29 |
| 26 अप्रैल 2019 | शुक्रवार | सप्तमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में | 05:45 - 14:40 |
| 29 अप्रैल 2019 | सोमवार | दशमी | शतभिषा नक्षत्र में | 05:43 - 08:51 |
| 02 मई 2019 | गुरुवार | त्रयोदशी | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में | 06:42 - 19:50 |
| 06 मई 2019 | सोमवार | द्वितीया | कृतिका नक्षत्र में | 16:36 - 19:34 |
| 09 मई 2019 | गुरुवार | पंचमी | आर्द्रा नक्षत्र में | 15:17 - 19:00 |
| 10 मई 2019 | शुक्रवार | षष्ठी | पुनर्वसु नक्षत्र में | 05:34 - 19:06 |
| 15 मई 2019 | बुधवार | एकादशी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 10:36 - 21:18 |
| 16 मई 2019 | गुरुवार | द्वादशी | हस्त नक्षत्र में | 05:30 - 19:08 |
| 23 मई 2019 | गुरुवार | पंचमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में | 05:27 - 20:46 |
| 24 मई 2019 | शुक्रवार | षष्ठी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में | 05:26 - 20:42 |
| 29 मई 2019 | बुधवार | दशमी | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में | 15:21 - 20:23 |
| 30 मई 2019 | गुरुवार | एकादशी | रेवती नक्षत्र में | 05:24 - 20:19 |
| 31 मई 2019 | शुक्रवार | द्वादशी | अश्विनी नक्षत्र में | 05:24 - 20:15 |
| 03 जून 2019 | सोमवार | पूर्णिमा | रोहिणी नक्षत्र में | 15:32 - 20:03 |
| 06 जून 2019 | गुरुवार | तृतीया | पुनर्वसु नक्षत्र में | 05:23 - 09:55 |
| 07 जून 2019 | शुक्रवार | चतुर्थी | पुष्य नक्षत्र में | 07:38 - 18:56 |
| 12 जून 2019 | बुधवार | दशमी | हस्त नक्षत्र में | 06:06 - 19:28 |
| 13 जून 2019 | गुरुवार | एकादशी | चित्रा नक्षत्र में | 16:49 - 19:24 |
| 14 जून 2019 | शुक्रवार | द्वादशी | स्वाति नक्षत्र में | 05:23 - 10:16 |
| 19 जून 2019 | बुधवार | द्वितीया | पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में | 13:29 - 19:59 |
| 27 जून 2019 | गुरुवार | नवमी | रेवती नक्षत्र में | 05:44 - 18:15 |
| 28 जून 2019 | शुक्रवार | दशमी | अश्विनी नक्षत्र में | 06:36 - 09:11 |
| 03 जुलाई 2019 | बुधवार | प्रतिपदा | आर्द्रा नक्षत्र में | 06:36 - 20:09 |
| 04 जुलाई 2019 | गुरुवार | द्वितीया | पुष्य नक्षत्र में | 05:28 - 20:05 |
| 08 जुलाई 2019 | सोमवार | षष्ठी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 05:30 - 15:26 |
| 11 जुलाई 2019 | गुरुवार | दशमी | स्वाति नक्षत्र में | 05:31 - 15:55 |
| 18 जुलाई 2019 | गुरुवार | द्वितीया | श्रवण नक्षत्र में | 05:35 - 20:52 |
| 19 जुलाई 2019 | शुक्रवार | द्वितीया | धनिष्ठा नक्षत्र में | 05:35 - 20:03 |
| 22 जुलाई 2019 | सोमवार | पंचमी | पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में | 10:24 - 20:37 |
| 24 जुलाई 2019 | बुधवार | सप्तमी | रेवती नक्षत्र में | 05:38 - 18:05 |
| 29 जुलाई 2019 | सोमवार | द्वादशी | मृगशिरा नक्षत्र में | 08:00 - 18:22 |
| 01 अगस्त 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | पुष्य नक्षत्र में | 08:42 - 12:11 |
| 05 अगस्त 2019 | सोमवार | पंचमी | हस्त नक्षत्र में | 05:45 - 19:42 |
| 07 अगस्त 2019 | बुधवार | सप्तमी | स्वाति नक्षत्र में | 05:46 - 11:41 |
| 09 अगस्त 2019 | शुक्रवार | नवमी | अनुराधा नक्षत्र में | 10:00 - 19:26 |
| 15 अगस्त 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | श्रवण नक्षत्र में | 17:59 - 19:02 |
| 16 अगस्त 2019 | शुक्रवार | प्रतिपदा | धनिष्ठा नक्षत्र में | 05:51 - 20:22 |
| 21 अगस्त 2019 | बुधवार | पंचमी | अश्विनी नक्षत्र में | 05:53 - 20:06 |
| 28 अगस्त 2019 | बुधवार | त्रयोदशी | पुष्य नक्षत्र में | 06:10 - 19:39 |
| 09 सितंबर 2019 | सोमवार | एकादशी | पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में | 08:36 - 11:33 |
| 11 सितंबर 2019 | बुधवार | त्रयोदशी | श्रवण नक्षत्र में | 06:04 - 18:36 |
| 16 सितंबर 2019 | सोमवार | द्वितीया | रेवती नक्षत्र में | 06:06 - 19:49 |
| 20 सितंबर 2019 | शुक्रवार | षष्ठी | कृतिका नक्षत्र में | 10:19 - 19:33 |
| 25 सितंबर 2019 | बुधवार | एकादशी | पुष्य नक्षत्र में | 06:11 - 08:53 |
| 30 सितंबर 2019 | सोमवार | द्वितीया | चित्रा नक्षत्र में | 06:13 - 12:08 |
| 02 अक्टूबर 2019 | बुधवार | चतुर्थी | विशाखा नक्षत्र में | 12:52 - 18:46 |
| 03 अक्टूबर 2019 | गुरुवार | पंचमी | अनुराधा नक्षत्र में | 06:15 - 12:10 |
| 07 अक्टूबर 2019 | सोमवार | नवमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में | 12:38 - 18:26 |
| 09 अक्टूबर 2019 | बुधवार | एकादशी | धनिष्ठा नक्षत्र में | 17:19 - 18:18 |
| 10 अक्टूबर 2019 | गुरुवार | द्वादशी | शतभिषा नक्षत्र में | 06:19 - 18:14 |
| 14 अक्टूबर 2019 | सोमवार | प्रतिपदा | रेवती नक्षत्र में | 06:21 - 17:59 |
| 18 अक्टूबर 2019 | शुक्रवार | चतुर्थी | रोहिणी नक्षत्र में | 07:29 - 19:18 |
| 21 अक्टूबर 2019 | सोमवार | सप्तमी | पुनर्वसु नक्षत्र में | 06:26 - 06:44 |
| 25 अक्टूबर 2019 | शुक्रवार | द्वादशी | पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में | 11:00 - 18:51 |
| 28 अक्टूबर 2019 | सोमवार | पूर्णिमा | स्वाति नक्षत्र में | 09:08 - 18:26 |
| 30 अक्टूबर 2019 | बुधवार | तृतीया | अनुराधा नक्षत्र में | 06:32 - 18:31 |
| 06 नवंबर 2019 | बुधवार | दशमी | शतभिषा नक्षत्र में | 07:21 - 18:04 |
| 07 नवंबर 2019 | गुरुवार | एकादशी | शतभिषा नक्षत्र में | 06:37 - 08:41 |
| 08 नवंबर 2019 | शुक्रवार | एकादशी | पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में | 12:24 - 17:56 |
| 14 नवंबर 2019 | गुरुवार | द्वितीया | रोहिणी नक्षत्र में | 06:43 - 17:32 |
| 15 नवंबर 2019 | शुक्रवार | तृतीया | मृगशिरा नक्षत्र में | 06:44 - 07:53 |
| 18 नवंबर 2019 | सोमवार | षष्ठी | पुष्य नक्षत्र में | 06:46 - 17:10 |
| 22 नवंबर 2019 | शुक्रवार | दशमी | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में | 09:01 - 18:56 |
| 27 नवंबर 2019 | बुधवार | प्रतिपदा | अनुराधा नक्षत्र में | 06:53 - 08:12 |
| 02 दिसंबर 2019 | सोमवार | षष्ठी | श्रवण नक्षत्र में | 06:57 - 18:17 |
| 06 दिसंबर 2019 | शुक्रवार | दशमी | उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में | 07:00 - 16:30 |
| 12 दिसंबर 2019 | गुरुवार | पूर्णिमा | मृगशिरा नक्षत्र में | 10:42 - 17:37 |
| 27 दिसंबर 2019 | शुक्रवार | प्रतिपदा | पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में | 17:30 - 18:53 |
| 30 दिसंबर 2019 | सोमवार | चतुर्थी | धनिष्ठा नक्षत्र में | 13:55 - 18:41 |
नामकरण संस्कार सभी संस्कारों में से एक बेहद महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इस दुनिया में हर किसी की पहचान उसके नाम से ही होती है इसलिए बच्चे के जन्म लेने के बाद उसे एक ख़ास पहचान देने के लिए एक नाम रखा जाता है। इसी नाम को विधिवत रखने की प्रक्रिया को नामकरण संस्कार कहा जाता है। कुछ स्थानों पर नामकरण संस्कार को 'छठी' भी कहा जाता है। संसार के हर धर्म, समुदाय में बच्चों के नाम रखने के तरीके अलग जरूर हैं लेकिन इसका पालन सभी करते हैं। हिन्दू धर्म पूरी तरह से वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है जिसका प्रमाण समय-समय पर मिलता रहता है। हिन्दू धर्म के सोलह संस्कारों में से हर संस्कार अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर संस्कार में जीवन के हर चरण को ध्यान में रखते हुए कुछ निश्चित नियम बताएं गए हैं, जिनका पालन करना हमारे जीवन को हर संभव तरीके से बेहतर और उन्नत बनाता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण संस्कार है नामकरण जिसका पालन सभी को विशेष रूप से करना चाहिए।
हिन्दू धर्म के अनुसार ये माना गया है कि सभी शुभ कामों को यदि शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उनके सफल होने और उनसे अधिकाधिक लाभ प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चे के जन्म के बाद उसका नाम रखना भी एक शुभ कार्य है इसलिए नामकरण संस्कार के लिए भी शुभ मुहूर्त का होना आवश्यक माना जाता है। शुभ मुहूर्त निकालने के लिए तिथि, वार, ग्रह ,नक्षत्र आदि की गणना की जाती है। आमतौर पर नामकरण संस्कार बच्चे के जन्म के 11वें दिन सूतक हट जाने के बाद करवाने की प्रथा है। इस संस्कार को सम्पन्न करवाने के लिए मुहूर्त किसी योग्य अनुभवी ज्योतिषी से ही निकलवाना चाहिए।
शास्त्रों अनुसार नाम रखना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, नाम का बच्चे के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है, इसलिए नाम सही और बहुत सोच समझकर ही रखा जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि नाम का असर व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके गुणों पर भी पड़ता है और यह बात एक सीमा तक सच भी है। आजकल माता पिता अपनी या अपने प्रियजनों की मर्ज़ी से कुछ भी नाम बच्चे के लिए चुन लेते हैं, लेकिन वास्तव में यह सही नहीं है। हिन्दू धर्म में नाम रखने की एक विधिवत प्रक्रिया है, जिसे अपनाना चाहिए। इस प्रक्रिया के अनुसार बच्चे के दो नाम रखे जाते हैं, एक गुप्त नाम होता है, जो केवल बच्चे के माता-पिता को ही मालूम होता है और दूसरा प्रचलित नाम, जिससे आमतौर पर बच्चे को समाज में पहचान मिलती है।
गुप्त नाम रखने के पीछे आशय यह होता है कि बच्चे के उस नाम को आधार बनाकर ही तंत्रक्रियाओं से उसकी रक्षा की जा सके। इसके साथ ही विवाह आदि के समय भी गुप्त नाम की बेहद महत्वपूर्ण आवश्यकता पड़ती है, जिसे ग्रह, नक्षत्र, दिन, वार ,समय आदि का सूक्ष्म और सटीक आकलन करने के बाद ही निकाला जाता है। दूसरे प्रचलित नाम पर ऐसी क्रियाओं का असर नहीं होता क्योंकि वह सटीक गणना करके रखा गया नाम नहीं होता, इसलिए हिन्दू धर्म में दो नाम रखने का प्रावधान है। जिस नक्षत्र में बच्चे का जन्म होता है, बच्चे का नाम भी उसी नक्षत्र के आधार पर ही रखा जाता है। मान्यता है कि नामकरण संस्कार से बच्चे की आयु और उसका तेज बढ़ता है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिये आपको नामकरण संस्कार मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानकारी मिल गयी होगी!
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