भारत के संदर्भ में सूर्य ग्रहण महज एक खगोलीय घटना नहीं है। बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से यहाँ के जन मानस के लिए सूर्य ग्रहण का घटित होना बड़ा महत्वपूर्ण विषय है। सूर्य ग्रहण 2019 की बात करें तो इस वर्ष तीन सूर्य ग्रहण घटित होने जा रहे हैं और इनका प्रभाव क्षेत्र भी व्यापक रूप से भिन्न-भिन्न स्थानों पर देखने को मिलेगा। वर्ष 2019 घटित होने वाले सूर्य ग्रहण का विवरण नीचे तालिका में दिया गया है :-
Click here to read in English: Solar Eclipse 2019
दिनांक | वार | समय | प्रकार |
6 जनवरी 2019 | रविवार | 05:04:08 से 09:18:46 तक | आंशिक |
2-3 जुलाई 2019 | मंगलवार | 23:31:08 से 02:14:46 तक | पूर्ण |
26 दिसंबर 2019 | गुरुवार | 08:17:02 से 10:57:09 तक | वलयाकार |
सूचना: उपरोक्त तालिका में दिया गया समय भारतीय समयानुसार है।
वर्ष 2019 का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को रविवार के दिन घटित होगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण है। यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 5:04 बजे से रात्रि 9:18 बजे तक रहेगा अर्थात ग्रहण की कुल अवधि क़रीब 4 घंटे 14 मिनट तक रहेगी।
यह ग्रहण मध्य-पूर्वी चीन, जापान, उत्तरी-दक्षिणी कोरिया, उत्तर-पूर्वी रूस, मध्य-पूर्वी मंगोलिया, प्रशांत महासागर, अलास्का के पश्चिमी तटों पर दिखाई देगा। परंतु भारत में यह नहीं दिखाई देगा और इसलिए यहाँ पर सूतक काल मान्य नहीं होगा।
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक साल का पहला सूर्य ग्रहण धनु राशि और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में लगेगा। इस कारण धनु राशि और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र से संबंधित जातकों के जीवन पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।
जानें राहु गोचर 2019 का आपके जीवन पर होने वाला प्रभाव
2 जुलाई 2019 को मंगलवार के दिन इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो रात्रि 23:31 बजे से 02:14 बजे तक तक रहेगा। ग्रहण का दृश्य स्थान चीली, अर्जेंटीना, पैसिफिक क्षेत्र रहेगा। इसके अलावा दक्षिणी अमेरिका के कुछ अन्य भाग भी इसके प्रभाव क्षेत्र में आएंगे।
भारत में इसकी दृश्यता शून्य रहेगी और इसलिए यहाँ ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह ग्रहण मिथुन राशि और आद्रा नक्षत्र में लगेगा। मिथनु और आद्रा नक्षत्र से संबंधित जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
इस साल का तीसरा सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को घटित होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जो गुरुवार की सुबह 08:17 से 10:57 बजे तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत सहित पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी/पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में दिखाई देगा।
इस वर्ष का यह एक मात्र सूर्य ग्रहण है जो भारत में दृश्य होगा, इसलिए यहाँ पर ग्रहण का सूतक मान्य होगा। ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में लग रहा है, इसलिए इस राशि और नक्षत्र से संबंधित जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता होगी।
26 दिसंबर 2019 को घटित होने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 दिसंबर 2019 अर्थात ग्रहण के एक दिन पूर्व, शाम 5:33 बजे से प्रारंभ हो जाएगा और 26 तारीख को सुबह 10:57 बजे सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद समाप्त होगा। सूतक काल के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। सूतक काल एक अशुभ समय है इसलिए इस दौरान कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए। जैसे :-
जानें केतु गोचर 2019 का आपके जीवन पर होने वाला प्रभाव गर्भवती महिलाएं दें विशेष ध्यान
"ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ”
सूर्य ग्रहण - जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के मध्य से होकर गुजरता है तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में चंद्रमा की छाया सूर्य पर पड़ती है।
आंशिक सूर्य ग्रहण - जब सूर्य का कुछ भाग चंद्रमा की छाया से ढक जाता है तो इस स्थिति को आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण - जब सूर्य पूरी तरह चंद्रमा की छाया से ढक जाता है तो इस स्थिति को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण - जब चंद्रमा सूर्य के बीचो बीच अपनी छाया डालता है और सूर्य का बाहरी क्षेत्र प्रकाशित होता है तो इस स्थित में सूर्य वलय या कंगन के रूप में चमकता है।
ग्रहण के दौरान मनुष्य की पाचन शक्ति कमज़ोर हो जाती है इसलिए इस दौरान खाया गया भोजन आसानी से नहीं पचता है और व्यक्ति अपच का शिकार होता है।
ग्रहण के समय चाकू और सुई का उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को क्षति पहुंच सकती है।
उम्मीद है कि सूर्य ग्रहण से संबंधित यह आलेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोकैंप से जुड़ने के लिए धन्यवाद!
Get your personalised horoscope based on your sign.