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शनि गोचर 2023(Shani Gochar 2023): सभी राशियों के लिए शनि गोचर 2023 भविष्यवाणी

Author: Vijay Pathak | Last Updated: Thu 6 Oct 2022 5:13:46 PM

Shani Gochar 2023: शनि गोचर 2023 के इस राशिफल में आप पाएंगे आने वाले नए वर्ष 2023 में होने वाले शनि ग्रह के स्थान परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित हर जानकारी। इस लेख में आपको शनि गोचर के आगामी नववर्ष के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों की समस्त जानकारी दी जाएगी। जिसे स्वयं एस्ट्रोकैंप के वरिष्ठ ज्योतिषियों में शनि ग्रह की स्थिति, दशा-दिशा और गोचर की हर तरह से गणना के बाद तैयार किया है। इसलिए शनि गोचर 2023 भविष्यफल पूरी तरह सटीक व वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इसकी मदद से आप विस्तार पूर्वक जान सकेंगे कि आखिर साल 2023 में शनि ग्रह के गोचर से आपकी राशि व आपके जीवन पर क्या कुछ विशेष बदलाव आने की संभावना रहेगी। परंतु बावजूद इसके यदि आप व्यक्तिगत रूप से इस नववर्ष शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से बचने हेतु समाधान चाहिए तो अभी कॉल या चैट पर बात करें हमारे सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों से

ज्योतिष विज्ञान में सौरमंडल के समस्त ग्रहों में से शनि ग्रह को कर्मफल दाता मानते हुए सबसे क्रूर ग्रह की उपाधि दी गई है। क्योंकि किसी भी कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति व शनि साढ़े साती व ढैय्या का प्रभाव न केवल जातक के जीवन में दुर्भाग्य लाने में सक्षम हैं, बल्कि शनि की इस स्थिति से जातक को जीवन में कई प्रकार के नकारात्मक फल मिलने की आशंका भी बढ़ जाती है। ज्योतिष अनुसार आर्थिक जीवन, करियर, शिक्षा, नौकरी, विवाह, कार्यक्षेत्र आदि शनि के ही आधिपत्य वाले क्षेत्र होते हैं। ऐसे में शनि का किसी कुंडली में नकारात्मक प्रभाव उस जातकों को इन सभी मामलों से संबंधित प्रतिकूल फल देते हुए उसके जीवन में विकास व उन्नति की रफ़्तार पर ब्रेक लगा सकता है। इस कारण आपके जीवन में इन बाधाओं के कारण कुछ घटनाएं भी उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है।

जबकि इसके विपरीत यदि किसी कुंडली में शनि का प्रभाव सकारात्मक हो तो संभवतः उन जातकों को कम मेहनत के बाद भी अविश्वसनीय प्रसिद्धि, अपार धन लाभ, पद-प्रतिष्ठा, करियर में उन्नति, व्यापार में मुनाफ़ा आदि जैसे शुभ परिणाम मिलने की संभावना रहती है। यह विशेष रूप से तब होता है जब शनि का गोचर अपनी स्वराशि में, उच्च राशि में या मूल त्रिकोण राशि पर होता है। क्योंकि इस दौरान शनि जातक के लाभकारी भावों में स्थित होता है जिससे व्यक्ति को शनि से संबंधित शुभ फल मिलने की संभावना रहती है। शनि की ये स्थिति जातक के जीवन को आर्थिक रूप से समृद्ध व सुखी बनाती है।

राशिफल 2023 को समझें तो इस वर्ष शनि की स्थिति कई जातकों को दीर्घायु प्रदान करेगी। जिसके परिणामस्वरूप उन लोगों के लिए शनि देव एक शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए, उन्हें पूर्व के कर्मों के अनुसार पुरस्कृत करेंगे। जबकि कुछ जातकों को शनि उनके कर्मों की प्रकृति के आधार पर उन्हें दंडित कर सकते हैं। जिससे उन्हें अपने जीवन में कई प्रकार की चुनौतियों से दो-चार होना पड़ेगा।

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शनि गोचर 2023 तिथि व समयावधि

अब यही मकर और कुंभ राशि के स्वामी कर्मफल दाता शनि देव का प्रभाव वर्ष 2023 में अलग-अलग रूपों से दिखाई देगा। इस दौरान शनि कभी गोचर, कभी वक्री तो कभी अस्त अवस्था में होते हुए करीब-करीब सभी 12 राशियों के जीवन को प्रभावित करेंगे।

शनि का स्थान परिवर्तन तिथि समय
शनि का कुंभ में गोचर 17 जनवरी 2023 17:04
कुंभ में शनि अस्त 30 जनवरी 2023 00:02
कुंभ में शनि उदय 6 मार्च 2023 23:36
कुंभ में शनि वक्री 17 जून 2023 22:48
कुम्भ में शनि मार्गी 4 नवंबर 2023 8:26

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस नववर्ष 2023 में शनि ग्रह 17 जनवरी को शाम के 5 बजकर 04 मिनट पर अपनी स्वराशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचर करने जा रहा है। इसके बाद 30 जनवरी 2023 को प्रातः काल 12 बजकर 02 मिनट पर शनि कुम्भ में ही होते हुए सूर्य के इतना करीब चले जाएंगे कि वो अस्त हो जाएंगे। जिसके कारण सूर्य की उष्मा और ऊर्जा शनि के प्रभाव को बेहद कम कर देगी। शनि इस स्थिति में 6 मार्च 2023 तक रहेंगे, फिर रात 11 बजकर 36 मिनट पर अपनी अस्त अवस्था से निकलते हुए उदय हो जाएंगे। इसके बाद शनि 17 जून 2023 की रात 10 बजकर 48 मिनट पर कुंभ में ही वक्री हो जाएंगे जिसका सीधा प्रभाव समस्त राशियों के जीवन पर पड़ेगा। हालांकि शनि अपनी वक्री अवस्था में 4 नवंबर तक रहेंगे, फिर सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर वक्री गति समाप्त करते हुए पुनः कुंभ में मार्गी हो जाएंगे।

तो आइए अब बिना देर किये विस्तार से जानते हैं कि सभी 12 राशियों के जातकों पर शनि गोचर 2023 का क्या विशेष प्रभाव पड़ेगा। साथ ही आप अपनी राशि के अनुसार शनि के नकारात्मक प्रभाव से बचने हेतु सरल व कारगर उपाय भी इस लेख में पढ़ सकेंगे।

Read in English: Saturn Transit 2023

शनि गोचर 2023: मेष

शनि गोचर 2023 को समझें तो मेष राशि शनि की नीच राशि होती है। साथ ही आपके लिए शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी होते हैं। इस वर्ष की शुरुआत में शनि आपके कर्म यानी दशम भाव में गोचर करेंगे। इस भाव में शनि 17 जनवरी तक रहेंगे जिसके परिणामस्वरूप मेष जातकों को हृदय संबंधित कुछ विकार संभव है। ऐसे में आपको इस दौरान सबसे अधिक अपने खान-पान पर ध्यान देने और ज़रूरत से ज्यादा जीम में कसरत करने से बचने की सलाह दी जाती है। नौकरीपेशा जातकों को भी अपने करियर व लक्ष्यों की ओर अधिक केंद्रित रहना होगा। क्योंकि इस दौरान शनि की तृतीय दृष्टि आपके द्वादश भाव पर होने से आपको कार्यक्षेत्र से संबंधित कोई बड़ा नुकसान संभव है।

हालांकि शनि वार्षिक गोचर 2023 के अनुसार, 17 जनवरी को जब शनि अपना गोचर करते हुए आपके एकादश भाव में जाएंगे तब आपको कुछ राहत मिलेगी। शनि का एक भाव में होना आपके लिए अनुकूल सिद्ध होगा। इससे वो जातक जो किसी दीर्घकालिक रोग से पीड़ित थे, उन्हें अपनी समस्या से निजात मिलेगी। आप कार्यस्थल पर अपनी मेहनत से अच्छा लाभ अर्जित करेंगे। मित्रों से अभी आपके संबंध बेहतर होते दिखाई देंगे। इस स्थिति में शनि 30 जनवरी तक रहेंगे, फिर एकादश भाव में ही अस्त हो जाएंगे। शनि का अस्त होना आपके खर्चों में वृद्धि लेकर आएगा, जिससे आपको आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ सकता है। फिर शनि 6 मार्च को अपनी अस्त स्थिति से निकलते हुए पुनः उदय हो जाएंगे। इसके फलस्वरूप आपकी इच्छाओं की वृद्धि होगी और आप अपनी उन सभी अधूरी पड़ी इच्छाओं को पूरा कर सकेंगे जिसे भी तक धन के अभाव के कारण आप पूरा करने में असमर्थ थे।

राशिफल 2023 के अनुसार ये भी जानकारी मिलती है कि 17 जून से शनि आपके एकादश भाव में वक्री गति आरंभ करेंगे। इसके कारण आपको कुछ चुनौतियां संभव है। खासतौर से ये अवधि उच्च अधिकारी से आपके संबंधों में कटुता लेकर आएगी। इसके नकारात्मक प्रभाव आपको कार्यस्थल पर दिखाई देगा और आप अपने अधिकारियों का सहयोग प्राप्त करने में असमर्थ रहेंगे। वो विवाहित जातक जो संतान सुख की चाह में थे उन्हें कुछ और प्रतिक्षा करनी होगी। खासतौर से आपके लिए 17 जून से 4 नवंबर तक की अवधि थोड़ी कष्टदायक रहने वाली है। इस समय आप किसी प्रकार के धोखे का शिकार हो सकते हैं। फिर इसके बाद जब शनि एकादश भाव में पुनः मार्गी होंगे, तब आप एक बार फिर अलग-अलग माध्यमों से धन अर्जित करेंगे। साथ ही बैंक बैलेंस में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

इसके अलावा 30 अक्टूबर को जब केतु अपना गोचर कन्या में करेंगे तब केतु-शनि मिलकर षडाष्टक योग का निर्माण करेंगे। जिसके कारण आपका ध्यान एक कार्य पर नहीं लगेगा और आप हर कार्य को बीच में अधूरा ही छोड़ते हुए दूसरा कार्य शुरू कर देंगे। इससे आपकी कार्य क्षमता न केवल प्रभावित होगी बल्कि आपसे कार्यस्थल पर कुछ कार्यों की जिम्मेदारी भी वापस ली जा सकती है। ये योग आपको जल्दी शॉर्टकट के माध्यम से धन अर्जित करने के लिए आतुर बनाएगा। हालांकि आपको ऐसा कुछ भी करने से बचने की सलाह दी जाती है अन्यथा आप खुद को जल्द ही किसी बड़ी मुसीबत में फंसा देंगे।

उपाय: हर मंगलवार व शनिवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना आपके लिए अधिक उचित सिद्ध हो सकता है।

शनि गोचर 2023: वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि उनके नवम यानी भाग्य भाव और दशम यानी कर्म भाव के स्वामी होते हैं। अब शनि गोचर 2023 के अनुसार वर्ष की शुरुआत से 17 जनवरी तक वे आपके भाग्य भाव में ही उपस्थित होते हुए आपके भाग्य में कमी करेंगे। इससे आपका मन दुःखी व नाखुश रहेगा और आप कुछ निराश नज़र आएंगे। हालांकि बीच में शनि की इस स्थिति से आप छोटा-मोटा मुनाफ़ा भी कमा सकेंगे। परंतु ये मुनाफ़ा आपको ज्यादा समय तक खुश नहीं रखेगा। कुछ जातक इस दौरान उच्च शिक्षा में अध्ययन करने के लिए कोई बड़ा फैसला भी लेंगे।

फिर 17 जनवरी से शनि अपना कुंभ में गोचर करते हुए आपके दशम भाव प्रवेश करेंगे। शनि गोचर 2023 के अनुसार शनि के आपके दशम भाव में गोचर करने के कारण आप मेहनत करने से बचते दिखाई देंगे जिससे अपने लक्ष्य के प्रति वांछित फल प्राप्त करने में आपको काफी समस्या हो सकती है। ये वो अवधि होगी जब आप अधिक मेहनत के बाद भी उसके अनुसार फल हासिल नहीं कर सकेंगे। ऐसे में इस दौरान खुद को परेशान न करते हुए आपके लिए स्वयं को प्रोत्साहित करना ही सबसे बेहतर विकल्प सिद्ध होगा। क्योंकि 22 जनवरी को शुक्र भी आपके दशम भाव में गोचर करते हुए वहां उपस्थित शनि के साथ युति करेंगे। जिससे दोनों ग्रहों की ये स्थिति आपके धैर्य की परीक्षा लेगी।

फिर 30 जनवरी से शनि सूर्य द्वारा आपके दशम भाव में ही अस्त हो जाएंगे, जिसके फलस्वरूप नौकरीपेशा जातकों के मन में अपने पद और नौकरी को लेकर असुरक्षा का भय बढ़ जाएगा। कार्यक्षेत्र पर चल रही ये समस्याएं आपके निजी जीवन को भी प्रभावित करते हुए आप में तनाव और बेचैनी बढ़ाएगी। इसी बीच 13 फरवरी 2023 को जब सूर्य भी कुंभ में गोचर करते हुए आपके दशम भाव में प्रस्थान करेंगे तो उनकी वहां पहले से उपस्थित सूर्य के साथ युति होगी। शत्रु ग्रहों शनि-सूर्य की कर्म भाव में बनने वाली इस युति के कारण अगले 30 दिनों तक आपके जीवन का संघर्ष कई गुना बढ़ जाएगा। इस समय आपके पिता को भी स्वास्थ्य कष्ट संभव है। साथ ही आपके भी उनके साथ संबंध प्रभावित होने से आप उनका सहयोग प्राप्त नहीं कर सकेंगे। कार्यक्षेत्र व मान-सम्मान में भी भारी कमी देखी जाएगी।

वृषभ राशि के लिए शनि गोचर 2023 ये संकेत भी दे रहा है कि जब शनि 6 मार्च से दशम भाव में अपनी अस्त अवस्था से निकलते हुए उदय होंगे, तब आपको कुछ समस्याओं से राहत मिलने की संभावना बनेगी। इस दौरान आपके बड़े आपका मार्गदर्शक बनते हुए आपको मेहनत करने की ओर प्रेरित करेंगे। साथ ही 27 फरवरी से 16 मार्च तक दशम भाव में ही बुध-शनि की युति भी देखने को मिलेगी। चूंकि बुध व शनि मित्रग्रह हैं इसलिए उनका दशम भाव में होना आपको कार्यस्थल पर पद-प्रतिष्ठा देगा। खासतौर से व्यापारी जातकों को इस दौरान अत्यधिक लाभ व सफलता मिलने के योग बनेंगे।

इसके बाद 17 जून से जब शनि आपके दशम भाव में ही अपनी वक्री गति शुरू करेंगे तब आपको थोड़ा संभलकर रहने की ज़रूरत होगी। खासतौर से हर कार्य को जल्दबाज़ी में करने से बचें और एक बार कार्य के पूरा होने के बाद पुनः जांच करना आपके लिए बेहतर विकल्प सिद्ध होगा। कुछ जातक समाज के कई प्रसिद्ध लोगों की सफलता से ईर्ष्या महसूस कर सकते हैं। जिसके कारण उनके अंदर हीन भावना जन्म लेने की आशंका रहेगी। शनि इस वक्री स्थिति में 4 नवंबर तक रहेंगे इसलिए सड़क पार करते हुए भी आपको विशेष सावधान रहना होगा। साथ ही इस दौरान वक्री शनि की तृतीय दृष्टि आपके द्वादश भाव पर होगी, जिसके फलस्वरूप आपको कोई बड़ा नुकसान होने की आशंका अधिक रहेगी। इसलिए किसी भी प्रकार के लेन-देन के दौरान आपको अधिक सतर्कता बरतने की हिदायत दी जाती है। साथ ही शादीशुदा जातक भी कार्यक्षेत्र के बढ़ते तनाव के कारण दांपत्य जीवन पर उचित ध्यान नहीं दे सकेंगे।

फिर वर्ष के अंतिम दो महीने यानी नवंबर और दिसंबर में आपको मेहनत का फल मिलने के योग बनाएंगे। क्योंकि 4 नवंबर से दशम में शनि पुनः मार्गी होते हुए आपकी समस्याओं में कुछ राहत देगा और इससे आप उन सभी कार्य को पूर्ण करने में सक्षम होंगे जिसे पूरा करने में आपको कोई भी समस्या आ रही थी। हालांकि शॉर्टकट अपनाने से बचें और तली-भुनी चीज़ों का अधिक सेवन न करें।

उपाय: रोजाना सुबह सूर्यदेव को जल अर्पित करें और हर शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं व पीपल के वृक्ष की 7 बार बिना छुए परिक्रमा करें।

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शनि गोचर 2023: मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव के स्वामी होते है और जहाँ अष्टम भाव से हम रहस्य व अचानक होने वाली घटनाओं के बारे में पता करते हैं तो वहीं नवम भाव से हम व्यक्ति के भाग्य, उच्च शिक्षा, आध्यात्मिकता, धर्म आदि का पता लगाते हैं। शनि गोचर 2023 के मिथुन राशिफल को देखें तो इस वर्ष की शुरुआत से 17 जनवरी तक शनि आपके अष्टम भाव में ही उपस्थित होंगे, फलस्वरूप आपके जीवन में अचानक कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इस दौरान आप आध्यात्मिकता की ओर केंद्रित दिखाई देंगे। साथ ही इस समय शनि की तृतीय दृष्टि आपके कर्म यानी दशम भाव पर होने से आपको कार्यक्षेत्र पर अचानक कई चुनौतियों से भी अवगत होना पड़ेगा। कुछ जातकों के लिए इस दौरान किसी प्रकार की चोट लगने के भी योग बनेंगे।

वार्षिक भविसीफल 2023 ये संकेत भी दे रहा है कि 17 फरवरी से जब शनि अपना गोचर करते हुए आपके नवम भाव में प्रस्थान करेंगे, तब आपको कुछ राहत मिलेगी। इस अवधि में शनि आपको कार्यों को पूरा करने में भाग्य का साथ तो देंगे, परंतु पिता को स्वास्थ्य संबंधित समस्या के कारण आपको परेशानी भी उठानी पड़ेगी। ये स्थिति उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के लिए बेहतर रहेगी। क्योंकि वो इस समय अपनी आने वाली परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन करेंगे। परंतु 30 जनवरी से शनि जब आपके नवम भाव में अपनी अस्त अवस्था में चले जाएंगे तब छात्रों को अपने शिक्षक से डांट-फटकार लगने की आशंका बनेगी। इस अवधि में आपके अपने परिवार के बड़े सदस्यों के साथ संबंध भी प्रभावित होंगे, जिसका सीधा नकारात्मक असर घर पर आपके मान-सम्मान पर पड़ेगा। ये स्थिति 6 मार्च तक रहेगी, फिर शनि इसी भाव में पुनः उदय होते हुए आपकी परिस्थितियों में सुधार करेंगे। इस समय आप अपनी रणनीतियों को सही दिशा में लगा सकेंगे। साथ ही आपको व्यापार से संबंधित निर्णय लेने में जो समस्या आ रही थी वो भी इस समय दूर होती दिखाई देगी।

एस्ट्रोकैंप के विशेषज्ञों की मानें तो आपके लिए इस वर्ष मार्च से मध्य जून तक की अवधि सबसे अधिक अनुकूल रहने वाली है। इसलिए यदि आप कोई बड़ा निवेश करने का सोच रहे थे तो इस अवधि में निवेश करना आपके लिए फलदायी रहेगा। हालांकि इसके लिए किसी बड़े या घरवालों की सलाह ज़रूर लें। स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी ये समय आपके लिए उत्तम रहेगा। फिर 17 जून से शनि आपके नवम भाव में अपनी वक्री अवस्था शुरू करते हुए इस राशि की महिलाओं को मासिक धर्म संबंधित कुछ रोग दे सकते हैं। ऐसे में इस वर्ष जून के उत्तरार्ध से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक आपको अपनी सेहत के प्रति सावधान रहने की ज़रूरत होगी। क्योंकि इस अवधि में वक्री शनि की तृतीय दृष्टि आपको कमज़ोरी व नेत्र विकास जैसी कई समस्या देगी।

इसके बाद 4 नवंबर से शनि के नवम में पुनः मार्गी होने से अंतिम दो महीनों में आपको कुछ राहत मिलेगी। जिससे आप आर्थिक सफलता अर्जित करते हुए कार्यक्षेत्र पर अपना अच्छा प्रदर्शन देने में सक्षम होंगे।

उपाय: हर शनिवार विकलांगों को भरपेट खाना खिलाएं और उन्हें गर्म कंबल भेट करें।

शनि गोचर 2023: कर्क

कर्क जातकों के लिए शनि उनके सप्तम और अष्टम भाव में स्वामी होते हैं। अब वार्षिक शनि गोचर 2023 के अनुसार इस वर्ष की शुरुआत से जनवरी के मध्य तक शनि आपके सप्तम भाव में ही उपस्थित रहेंगे, जो विवाह, जीवनसाथी, पार्टनर आदि का भाव होता है। ऐसे में शनि का आपके इस भाव में होना आपके अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में कुछ तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता है। इसलिए आपको इस समय सबसे अधिक अपने रिश्तों पर ध्यान देते हुए साथी के साथ किसी भी तरह के वाद-विवाद में पड़ने से बचना होगा। साथ ही शनि के आपके दशम भाव को इस समय दृष्टि करने के कारण कार्यक्षेत्र पर काम की अधिकता के कारण आप अपने दांपत्य जीवन पर ध्यान देने में असमर्थ होंगे। जिससे आपके साथी को ये लग सकता है कि आप उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहे हैं या अपनी जिम्मेदारियों का सही प्रकार निर्वाहन करने में असमर्थ हैं।

हालांकि जनवरी के मध्य के बाद 17 जनवरी से शनि अपना गोचर करते हुए आपकी राशि के अष्टम भाव में विराजमान होने वाले हैं। इसके फलस्वरूप आपके पेशेवर जीवन में हलचल देखने को मिलेगी। जिससे आप जल्द ही परेशान व बेचैन नज़र आएंगे। कई व्यापारी जातकों को अपने कर्मचारी या सहयोगी से उचित सहयोग नहीं प्राप्त होगा और ये स्थिति आपको अकेला करते हुए अपने लक्ष्य से भटका सकती है। ये वो अवधि होगी जब आपको छोटी-छोटी इच्छाओं को पूरा करने में भी काफी समय व ऊर्जा लगानी पड़ेगी, और इससे आप जल्द ही हताश होकर मायूस हो सकते हैं।

वैदिक ज्योतिष पर आधारित राशिफल 2023 को देखें तो 30 जनवरी से 6 मार्च तक शनि आपके अष्टम भाव में अस्त रहेंगे। इस समय आपको अचानक से खुद के लिए समय निकालते हुए आत्ममंथन करने का अवसर तो मिलेगा, परंतु आप शान्ति की तलाश में ज़रूरत से ज्यादा अपना समय व्यर्थ कर सकते हैं। इस समय कोई गुप्त रोग या संक्रमण होने की भी आशंका अधिक होगी। इसलिए नियमित रूप से शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें।

हालांकि इसके बाद जब शनि अस्त अवस्था से निकलते हुए पुनः उदय हो जाएंगे, तब आपको कुछ राहत मिलेगी। उस समय आप आध्यात्मिकता की ओर केंद्रित दिखाई देंगे। गुप्त विषयों की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए इस वर्ष 6 मार्च से 17 जून की अवधि अधिक उत्तम रहने वाली है। उसके बाद जब शनि अष्टम भाव में वक्री गति आरंभ करेंगे, तब आपको कोई बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ये वो समय होगा जब आप कई प्रयासों के बाद भी इच्छा अनुसार लाभ अर्जित नहीं कर सकेंगे और इससे आपका मन कुछ चिड़चिड़ा हो सकता है। वक्री शनि कुछ जातकों को हड्डी संबंधित कोई शारीरिक परेशानी भी दे सकते हैं। इसलिए सावधान रहें और ज्यादा उछल-कूद करने से बचें।

शनि वक्री अवस्था में 4 नवंबर तक रहेंगे फिर जब वो पुनः आपके अष्टम में मार्गी होंगे, तब आपको अचानक किसी माध्यम से लाभ मिलेगा। इसलिए खासतौर से 4 नवंबर से साल के अंत तक आर्थिक स्थिति पहले से कुछ बेहतर होती दिखाई देगी। परंतु इस समय आलस का त्याग करते हुए मेहनत के लिए आपको प्रयासरत रहना होगा।

उपाय: हर शनिवार के दिन भगवान शनि और मां पार्वती के समक्ष सरसों के तेल का एक-एक दीया ज़रूर जलाएं।

शनि गोचर 2023: सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि उनके षष्ठम व सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और इस वर्ष शनि गोचर 2023 के अनुसार आपके ये दोनों भाव ही सबसे अधिक प्रभावित होने वाले हैं। क्योंकि गोचरफल को देखें तो वर्ष की शुरुआत से 17 जनवरी तक शनि आपके षष्ठम यानी ऋण, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और रोज़गार के भाव में उपस्थित रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको स्वास्थ के प्रति अधिक सतर्कता बरतनी होगी। हालांकि यह अवधि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को पूर्व वर्ष की मेहनत का सकारात्मक फल देते हुए उन्हें अच्छे अंक देने का कार्य करेगी। साथ ही यदि कोई केस कोर्ट-कचहरी में निलंबित पड़ा था तो उसका फैसला भी आपके हक में आने की संभावना अधिक है।

गोचरफल 2023 के अनुसार, 17 जनवरी से शनि अपना गोचर करते हुए आपके सप्तम भाव में प्रस्थान करेंगे। उसका असर सबसे अधिक आपके वैवाहिक जीवन पर पड़ेगा और इस दौरान आपको जीवनसाथी के साथ कुछ छोटी-मोटी समस्या हो सकती है। क्योंकि आप एक-दूसरे के विचारों और बातों को समझने में असमर्थ होंगे। इससे आपके रिश्ते में कुछ दूरियां उत्पन्न होंगी। हालांकि तमाम दूरियों के बावजूद भी जीवनसाथी आपको पेशेवर जीवन में भरपूर सहयोग देगा। वहीं वो जातक जो पार्टनरशिप के व्यापार से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान अपने पार्टनर के साथ मिलकर किसी योजना पर कार्य करते हुए अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा।

इसी बीच 13 फरवरी 2023 को सूर्य और 27 फरवरी को बुध भी आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे, जिसके कारण आपके सप्तम भाव में ही सूर्य-शनि-बुध की त्रियुति बनने से व्यापारी जातकों को कुछ समस्या हो सकती है। साथ ही अपने कर्मचारी से आप उचित मान-सम्मान नहीं हासिल कर सकेंगे जिससे आपका मन उदास हो जाएगा। हालांकि 6 मार्च 2023 को जब सूर्य अपनी अस्त अवस्था से निकलते हुए उदय होंगे तब आप अपने निजी जीवन में चल रही उठापटक को दूर करते हुए, कुछ राहत की सांस लेंगे। यह अवधि आपको अपनी परिस्थितियों को सही करते हुए अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए प्रेरित करेगी। आपके प्रयास देख आपका जीवनसाथी भी अपने बीच के हर गिले-शिकवे को भुलाकर आपके करीब आएगा।

वार्षिक फल 2023 के अनुसार, शनि 17 जून से आपके सप्तम भाव में वक्री हो जाएंगे। जिसके परिणामस्वरूप कुछ जातकों को रक्तचाप या मधुमेह संबंधी कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या परेशान कर सकती है। ऐसे में आपको अपने खानपान का उचित ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। विवाहित जीवन में भी आपके लिए अपने जीवनसाथी की संवेदनशीलता का ध्यान रखना जरूरी होगा, अन्यथा घरेलू मुद्दे आपके पेशेवर जीवन को प्रभावित करेंगे। वो जातक जो विवाह योग्य हैं उन्हें वर्ष 2023 में 17 जून से लेकर 4 नवंबर तक विवाह के लिए अच्छा प्रस्ताव ढूंढने में समस्या उत्पन्न होगी। क्योंकि इस दौरान शनि वक्री रहेंगे फिर 4 नवंबर को जब शनि पुनः मार्गी हो जाएंगे तब आपको अपने लिए उचित जीवनसाथी ढूंढने में आ रही समस्या से निजात मिलेगी और संभावना अधिक है कि आपका साथी आपके ही पेशे से जुड़ा हो या उनसे आपकी मुलाकात कार्यस्थल या ऑफिस की किसी पार्टी में होगी।

उपाय: नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।

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शनि गोचर 2023: कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि आपके पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी होते हैं और शनि गोचर 2023 की भविष्यवाणी के अनुसार, वर्ष की शुरुआत से 17 जनवरी तक शनि आपके संतान, शिक्षा और प्रेम संबंधों के पंचम भाव में विराजमान होंगे। फिर अपना राशि परिवर्तन करते हुए आपके रोग, शत्रु और ऋण के षष्ठम भाव में गोचर कर जाएंगे। इसके कारण जनवरी के पूर्वार्ध में सबसे अधिक प्रेमी जातकों के जीवन में रोमांस और प्रेम की वृद्धि होगी। साथ ही वो प्रेमी जातक जो लंबे समय से रिलेशन में थे, वो अपने साथी से प्रेम विवाह करने का प्लान कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपने घरवालों से अपने रिश्ते को मंजूरी दिलाने की आवश्यकता होगी।

परंतु जनवरी का उत्तरार्ध आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत कष्टदायक रहेगा। क्योंकि शनि की स्थिति आपको कोई शारीरिक समस्या दे सकती है। वहीं कार्यस्थल पर भी आपको अपने शत्रुओं को जरा भी नजरअंदाज न करते हुए उनके प्रति सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी। अन्यथा वो आपके खिलाफ षड्यंत्र रचते हुए आपको हानि पहुंचा सकते हैं। फिर 30 जनवरी से शनि आपके सप्तम भाव में ही अस्त हो जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप आप किसी प्रकार की कोई अपनी योजना को पूरा करने के लिए बैंक या किसी अन्य संस्थान में ऋण या कर्ज के लिए आवेदन दे सकते हैं। इससे आप पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। आपकी पाचन शक्ति भी कमजोर होगी और कम भूख लगने के कारण आपके खाना खाने की दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। कुछ जातक दान-पुण्य के कार्यों में भी जरूरत से ज्यादा अपने धन का खर्च करते हुए अपने लिए समस्या बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आपको किसी भी प्रकार का खर्च करने से पहले एक सही बजट प्लान बनाने की जरूरत होगी।

वार्षिक शनि गोचर 2023 में 30 जनवरी से 6 मार्च तक शनि आपके षष्ठम भाव में ही अस्त रहेंगे, फिर अस्त अवस्था से निकलते हुए उदय हो जाएंगे। परिणामस्वरूप आपको अपनी पेट संबंधी हर प्रकार की समस्या से निजात मिलेगी। 36 से अधिक उम्र के जिन जातकों को कमर से जुड़ी कोई समस्या या किडनी की समस्या थी तो उन्हें भी कुछ राहत मिलने के योग बन रहे हैं। क्योंकि इस दौरान आप अचानक से अपनी सेहत में सुधार देखेंगे। इस दौरान शनि की दशम दृष्टि आपके तृतीय भाव पर होने से आप काफी हद तक मानसिक समस्याओं से निजात पा सकेंगे। आपके साहस में वृद्धि होगी। साथ ही घर-परिवार में आपके भाई-बहन भी खुलकर आपका समर्थन करेंगे।

भविष्यकथन 2023 की मानें तो, 17 जून से शनि का कुंभ राशि में वक्री होना आपकी कुछ समस्या बढ़ा सकता है। इस अवधि में आपके छुपे शत्रु आपको दोबारा हानि पहुंचाने के लिए लगातार कोशिश करेंगे। आपका स्वास्थ्य भी आपका साथ नहीं देगा। साथ ही कुछ जातक अपने कार्यक्षेत्र के चलते किसी करीबी से कोई धन उधारी पर भी ले सकते हैं। हालांकि उस धन के लिए आपको अपनी जेब से अधिक ब्याज भी देना पड़ सकता है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि 17 जून से 4 नवंबर तक की अवधि के दौरान आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत होगी।

फिर नवंबर के प्रथम सप्ताह के बाद जब शनि पुनः मार्गी होंगे, तब आप अपनी समस्याओं से कुछ राहत महसूस करेंगे। छात्र अपनी संगति में सुधार कर बुरी आदतों का त्याग करेंगे। इसके लिए उन्हें अपनों की मदद भी मिल सकती है। वो जातक जो विदेश जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का सोच रहे थे या व्यापार के लिए विदेश जाने के इच्छुक थे, उन्हें शनि की सप्तम दृष्टि के कारण नवंबर और दिसंबर माह में सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना अधिक रहने वाली है।

उपाय: रोजाना अपने नहाने के पानी में कुछ सरसों के बीज डालकर, आप खुद को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा सकते हैं।

शनि गोचर 2023: तुला

वैदिक ज्योतिष आधारित शनि गोचर 2023 के अनुसार, इस वर्ष आपको मिश्रित फल मिलेंगे। क्योंकि तुला राशि के जातकों के लिए शनि उनके चतुर्थ यानी घर, सुख, माता और शांति के भाव व पंचम यानी शिक्षा, प्रेम, रोमांस और रचनात्मकता के भाव के स्वामी होते हैं। अब शनि इस वर्ष की शुरुआत से लेकर 17 जनवरी तक आपके चतुर्थ भाव में ही उपस्थित होते हुए आपके जीवन में सुख और शांति लाएंगे। आप अपनी मां से स्नेह प्राप्त करेंगे। साथ ही कुछ जातकों को किसी प्रकार की अचल संपत्ति मिलने की भी संभावना रहेगी। हालांकि इस दौरान शनि का आपके छठे भाव पर अपनी तृतीय दृष्टि डालना, आपकी मां को कुछ स्वास्थ संबंधी समस्या दे सकता है। इसलिए उनका ध्यान रखें और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर के पास लेकर जाने।

गोचरफल 2023 ये दर्शा रहा है कि जनवरी के उत्तरार्द्ध में शनि वर्ष 2023 का अपना पहले स्थान परिवर्तन करते हुए, 17 जनवरी को आपके पंचम भाव में गोचर कर जाएंगे। इस कारण सबसे अधिक उन छात्रों के जीवन में सकारात्मकता आएगी जो पूर्व वर्ष से मेहनत कर रहे हैं। साथ ही यदि आप अपने घर या अपनी जन्मभूमि से अलग किसी अन्य स्थान पर जाकर पढ़ाई करने का सोच रहे थे तो आपका यह सपना पूरा होगा और आपको मनचाहे विश्वविद्यालय या स्कूल में दाखिला मिलने की संभावना बनेगी। हालांकि यह अनुकूल स्थिति 30 जनवरी तक रहेगी, क्योंकि उसके बाद शनि सूर्य के बेहद नजदीक आकर अपनी अस्त अवस्था में चले जाएंगे। जिसके कारण प्रेमी जातकों के जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि आप अपने प्रियतम से विवाह करने की योजना बना रहे थे तो यह अवधि उसके लिए थोड़ी प्रतिकूल रहेगी। इसलिए अभी अपने साथी को प्रपोज करने से बचें। छात्रों को भी अपना प्रदर्शन देने में अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी।

वार्षिक शनि गोचर भविष्यवाणी 2023 को देखें तो मार्च की शुरुआत तक शनि अस्त रहेंगे और फिर 6 मार्च से शनि पंचम भाव में ही उदय होते हुए आपको पुनः सकारात्मक फल देने वाले हैं। यह वो अवधि होगी जब आप इच्छा अनुसार अपने लिए सही प्रेमी की तलाश करते दिखाई देंगे। कई जातक अपने शौक और रुचि से जुड़ा कोई व्यवसाय करने की योजना अपने किसी करीबी या मित्र के साथ साझा भी कर सकते हैं। वो प्रेमी जातक जो लंबे समय से किसी रिलेशन में थे वे अपने रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए प्रेमी से विवाह करने का फैसला लेंगे।

एस्ट्रोकैंप के विशेषज्ञों के अनुसार, तुला राशि के प्रेमी जातकों के लिए इस वर्ष 6 मार्च से जून के मध्य तक की अवधि सबसे अधिक अनुकूल रहने वाली है। क्योंकि इसके बाद 17 जून से शनि आपके पंचम भाव में ही अपनी वक्री गति आरंभ करेंगे। फलस्वरूप आपके प्रेम संबंध में किसी तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप आपके रिश्ते में तनाव की स्थिति उत्पन्न करेगा। इस अवधि में शनि आपके प्रेम की परीक्षा लेते हुए आप दोनों के बीच शक उत्पन्न करेंगे। इसलिए आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी। छात्र भी अपनी क्षमता का सही उपयोग नहीं कर सकेंगे, जिससे उन्हें अपनी परीक्षा में औसत से बेहद कम परिणाम मिलने की संभावना रहेगी।

हालांकि यह स्थिति 4 नवंबर तक बनी रहेगी, क्योंकि उसके बाद जब शनि कुंभ में पुनः मार्गी हो जाएंगे तब आपके जीवन में आ रही समस्या काफी हद तक दूर होगी और प्रेमी जातक पुनः अपने जीवन में रोमांस की अनुभूति करेंगे। आपको अपने साथी के साथ किसी प्रकार की छोटी यात्रा पर जाने का अवसर मिलेगा। छात्र भी अपनी संगति और अपनी दिनचर्या में सही बदलाव कर खुद को शिक्षा के प्रति केंद्रित करने के लिए कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। इसका सकारात्मक फल उन्हें आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। यदि कोई समस्या आपको परेशान कर रही थी तो नवंबर व दिसंबर माह में आपको अपनी शारीरिक समस्या से निजात मिलेगी और आप एक अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते दिखाई देंगे।

उपाय: अपने हाथ की उंगली में लोहे का छल्ला धारण करना इस वर्ष आपके लिए अनुकूल रहने वाला है।

शनि गोचर 2023: वृश्चिक

वृश्चिक राशि के लिए शनि तृतीय भाव और चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं। काल पुरुष की कुंडली में तृतीय भाव से हम जातक के साहस, भाई-बहन और यात्रा का ज्ञात करते हैं। जबकि चतुर्थ भाव से मां, सुख, घर और विलासिता की जानकारी मिलती है। इस पूरे ही वर्ष शनि आपके इन्ही दोनों भावों में अपना स्थान परिवर्तन करते हुए आपको अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार फल देने वाला है। वर्ष की शुरुआत में शनि आपके तृतीय भाव में उपस्थित रहते हुए 17 जनवरी तक आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि करेंगे। इस दौरान आप अपने घर-परिवार में विशेषकर छोटे भाई-बहनों से अपने संबंध बेहतर करेंगे। साथ ही आपको उनका सहयोग भी प्राप्त होगा। कुछ जातक कई साहसिक और खेल से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेते हुए अपना मनोरंजन करेंगे। इससे आपकी सेहत पर भी सकारात्मक बदलाव आने की संभावना बनेगी।

हालांकि 17 जनवरी को शनि अपना पहला स्थान परिवर्तन करते हुए आपके तृतीय भाव से निकलकर चतुर्थ भाव में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में आपके चतुर्थ भाव में शनि का यह गोचर आपके जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आएगा। यदि आप किसी समस्या से पीड़ित थे तो उसमें भी सुधार आने के योग बनेंगे। आपकी मां आप पर प्रेम लुटाएंगी। वहीं कई जातकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा, जिससे वे कोई वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान कर सकते हैं। परंतु जब 30 जनवरी 2023 से शनि चतुर्थ भाव में ही अस्त हो जाएंगे और फिर इसके बाद 13 फरवरी 2023 को सूर्य भी कुम्भ में अपना गोचर करते हुए वह उपस्थित शनि के साथ आपके चतुर्थ भाव में युति करेंगे। तब आपको जीवन में काफी उठापटक का सामना करना होगा। क्योंकि चतुर्थ भाव में शनि-सूर्य की ये अशुभ युति के कारण अध्ययन कर रहे छात्रों को बाधा महसूस होगी। साथ ही स्वयं का व्यवसाय चला रहे जातकों को भी बहुत चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता है। इस अवधि में शनि के आपके छठे भाव पर तृतीय दृष्टि डालने से आपको वाहन से संबंधित कोई दुर्घटना या चोट लगने की आशंका भी बनेगी। इसलिए आपको वाहन चलाते समय या सड़क पर चलते समय अपनी आंख और कान खुले रखने की सलाह दी जाती है।

गोचरकाल 2023 के अनुसार मार्च के प्रथम सप्ताह के बाद से परिस्थितियां कुछ बेहतर होती दिखाई देंगी। क्योंकि 6 मार्च से शनि अपनी अस्त अवस्था से निकलते हुए उदय हो जाएंगे। इस दौरान आपकी मां को भी अपनी पुरानी शारीरिक समस्या से निजात मिलेगी। कुछ जातक पैतृक संपत्ति अर्जित करेंगे। ज्योतिष में शनि निर्माण कार्य के स्वामी भी माने गए हैं, ऐसे में शनि का इस दौरान उदय होना आपके घर में किसी अधूरे पड़े निर्माण कार्य को पुनः शुरु करने में आपकी मदद करेगा।

विशेषज्ञों की मानें तो जून के पूर्वार्ध तक स्थितियां बेहतर ही रहेगी, परंतु 17 जून से शनि आपके चतुर्थ भाव में अपनी वक्री गति आरंभ कर देंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको सेहत से जुड़ी कुछ समस्या हो सकती है। साथ ही वक्री शनि की सप्तम दृष्टि आपके कर्म भाव पर होने से कार्यक्षेत्र पर आपको बहुत सी चुनौतीपूर्ण स्थितियां भी भुगतनी पड़ सकती हैं। जिससे आपके करियर की रफ्तार पर कुछ समय के लिए ब्रेक लग जाएगी। व्यापारी जातक भी ग्राहकों की कमी से काफी असंतुष्ट दिखाई देंगे। वहीं कुछ जातकों को किसी प्रकार का भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

फिर वर्ष के अंत में यानी 4 नवंबर से शनि कुंभ राशि में पुनः मार्गी हो जाएंगे। इस कारण आपका करियर एक बार पुनः रफ्तार से दौड़ता दिखाई देगा। आप हर कार्य को भलीभांति समय पर पूरा करने में सक्षम होंगे। आपको अपने खर्चों पर भी लगाम लगाने में सफलता मिलेगी और इससे आपका कुछ बैंक बैलेंस भी बढ़ सकेगा। इसलिए ये कहा जा सकता है कि इस वर्ष आपको यूं तो मिश्रित परिणाम मिलेंगे। परंतु विशेषकर शनि की अस्त आस्था और वक्री अवस्था के दौरान आपको इस साल अधिक सावधान रहने की जरूरत होगी।

उपाय: प्रत्येक शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना कर उन्हें बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।

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शनि गोचर 2023: धनु

धनु राशि के लिए शनि उनके द्वितीय यानी परिवार, धन व वाणी के भाव और तृतीय यानी साहस, भाई-बहन व यात्रा के भाव के स्वामी होते हैं। इस वर्ष की शुरुआत में आप पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण होगा, परंतु जनवरी के मध्य के बाद शनि के कुंभ में गोचर करते ही आपको शनि साढ़े साती से राहत मिलेगी।

शनि गोचर 2023 को समझें तो इस वर्ष की शुरुआत से जनवरी के मध्य तक शनि आपके द्वितीय भाव में ही उपस्थित होते हुए आपको आर्थिक हानि देने के योग बनाएंगे। इस दौरान नौकरी पेशा जातक जहां इच्छा अनुसार वेतन वृद्धि प्राप्त करने में असफल रहेंगे, तो वहीं व्यापारी जातकों को भी आर्थिक नुकसान संभव है। शुरुआत में शनि के द्वितीय भाव में उपस्थित होने से आपको नेत्र से जुड़ी कुछ समस्या हो सकती है। इसलिए धूल भरी जगहों पर जाने से बचे। साथ ही इस अवधि में आपको अपने परिवार के साथ समय बिताने के भी कुछ अवसर मिलेंगे।

गोचरफल 2023 के अनुसार फिर 17 जनवरी से जब शनि अपना गोचर करते हुए आपके द्वितीय भाग से निकलकर तृतीय भाग में विराजमान होंगे, तब आप अपने छोटे भाई-बहनों के साथ समय व्यतीत करने के इच्छुक नजर आएंगे। आपको अपने घर पर रहते हुए अपने कार्यक्षेत्र के तनाव से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही शनि की कृपा से आपके साहस और पराक्रम में भी वृद्धि देखी जाएगी। जिसका सकारात्मक प्रभाव इस राशि के छात्रों पर दिखाई देगा। खासतौर से शास्त्रों व धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई कर रहे छात्र अपने अध्ययन को आगे बढ़ाएंगे।

परंतु जनवरी के अंत से शनि आपके तृतीय भाव में ही अस्त हो जाएंगे। परिणामस्वरूप गर्भधारण करने की योजना बना रहे जातकों को या गर्भवती महिलाओं को इस समय थोड़ा अधिक सावधान रहने की हिदायत दी जाती है। क्योंकि शनि इस दौरान अस्त होते हुए अपनी तृतीय दृष्टि आपके संतान भाव पर डालेंगे। जिससे आपको कई कष्ट उठाने पड़ सकते हैं। साथ ही प्रेम संबंधों में भी शनि की दृष्टि से आपको उठापटक का सामना करना होगा। इससे आपको बेचैनी और मानसिक तनाव मिल सकता है। यह नकारात्मक स्थिति 6 मार्च तक रहेगी। क्योंकि इसके बाद शनि पुनः उदय होते हुए आपकी परिस्थितियों में सुधार करेंगे। कई जातक अपने किसी शौक या रुचि से संबंधित कोई व्यवसाय शुरू करने का फैसला लेंगे। जिससे उन्हें अतिरिक्त आय मिलने की संभावना रहेगी। हालांकि इस पूरे ही वर्ष आपको किसी को भी उधारी पर धन देने या किसी से उधारी पर धन लेने से बचना होगा, अन्यथा आप अपने लिए भविष्य में समस्या बढ़ा सकते हैं। साथ ही आशंका रहेगी कि आपका धन या कोई कीमती वस्तु चोरी हो जाए, इसलिए लापरवाही न बरतें।

वार्षिक भविष्यवाणी 2023 ये भी बता रही है कि इसके बाद जून के उत्तरार्ध में यानी 17 जून से शनि कुंभ में अपनी वक्री गति शुरू कर देंगे। इस अवधि में आपके जीवन में कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती है। आपका अपने घर के सदस्यों से विचारों का मतभेद दिखाई देगा। ऐसे में आपको उन पर अपने विचार थोपने से बचना होगा। साथ ही आपके पिता को भी कुछ मानसिक तनाव हो सकता है, क्योंकि इस दौरान शनि की सप्तम दृष्टि आपके नवम भाव पर होगी। इसलिए अपने पिता की देखभाल करें। छात्रों को भी इस दौरान अतिरिक्त मेहनत करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उनका मन बेकार की बातों से मन विचलित रहेगा और इसका नकारात्मक असर सीधे तौर पर उनकी शिक्षा को प्रभावित कर सकता है।

हालांकि 4 नवंबर से जब शनि वक्री गति से निकलते हुए पुनः मार्गी हो जाएंगे, तो आपके जीवन में एक बार फिर से परिस्थितियां बेहतर हो जाएंगी। आप अपने मित्रों व घर के सदस्यों के साथ कहीं पिकनिक या डिनर पर जाने का प्लान कर सकते हैं। ये वो समय होगा जब आप शारीरिक रूप से भी अच्छा महसूस करते हुए, तनाव मुक्त दिखाई देंगे। कार्यक्षेत्र पर आपकी कार्यक्षमता भी बेहतर होगी। जिन भी निर्णयों को लेने में आपको पूर्व में समस्या आ रही थी, उन सभी निर्णयों को भी आप वर्ष 2023 के आखिरी 2 महीनों में ले सकेंगे।

उपाय: हर शनिवार गरीबों व मजदूर वर्ग के लोगों में चप्पल जूते व गर्म वस्त्र दान करना आपके लिए अनुकूल रहने वाला है।

शनि गोचर 2023: मकर

मकर राशि के जातकों के लिए शनि का हर गोचर बेहद महत्वपूर्ण रहता है। क्योंकि शनि आपके प्रथम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके द्वितीय भाव के स्वामी भी होते हैं। इस वर्ष की शुरुआत में शनि के आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव में उपस्थित होने से आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा और फिर 17 जनवरी को जैसे ही शनि कुंभ राशि में गोचर करते हुए आपके द्वितीय भाव में प्रवेश करेंगे आपकी राशि में शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू हो जाएगा। इस कारण आपको इस पूरे ही वर्ष शनि के प्रकोप से बचकर रहना होगा।

शनि गोचर 2023 के अनुसार, वर्ष के प्रथम माह में आपका कुछ अहंकार के मुद्दों के कारण दूसरों से विवाद होने की आशंका रहेगी। कार्यक्षेत्र पर आप अपने कार्य से संतुष्ट नहीं होंगे। मेहनत के बाद भी परिस्थितियां आपके विपरीत जाती प्रतीत होगी, जिससे कई जातक नौकरी बदलने का भी सोच सकते हैं। इसके बाद जब शनि 17 जनवरी से आपके द्वितीय भाव में गोचर करेंगे, तब आप कुछ अतिरिक्त माध्यमों से अपनी आय को बढ़ाते हुए धन अर्जित करने में सक्षम होंगे। वो जातक जिन्हें नेत्र से जुड़ी समस्या आ रही थी उन्हें भी कुछ राहत मिलेगी। वहीं शनि का यह गोचर आपकी वाणी में मधुरता लाएगा, जिससे आप बड़ी डील अपने हक में कर सकेंगे। परिवार में भी सुख शांति का माहौल रहेगा।

परंतु यह परिस्थिति 30 जनवरी तक रहेगी और फिर इसके बाद शनि अपनी अस्त अवस्था में चले जाएंगे। जिसके चलते आपके परिवार में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण भी आपको काफी कष्ट देगा। इससे आपका मानसिक तनाव बढ़ेगा। साथ ही आप अपना ज्यादातर समय घर पर रहने की जगह बाहर ही रहना अधिक पसंद करेंगे। कुछ जातकों को मुख से जुड़ी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है, इसलिए अपने मुंह से जुड़ी साफ-सफाई का ध्यान रखें।

फिर 6 मार्च से शनि पुनः अपनी अस्त अवस्था से निकलते हुए जैसे ही उदय होंगे, तब आपको कुछ राहत मिलेगी। इस समय शनि की दशम दृष्टि आपकी इच्छाओं के एकादश भाव पर होने से आपको आर्थिक लाभ मिलने के योग बनेंगे। फलस्वरूप आप अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा कर सकेंगे। परंतु कुछ जातक इच्छा पूर्ति करने के चक्कर में अपने लक्ष्य से भ्रमित भी हो सकते हैं। ऐसे में आपको सावधान रहने की आवश्यकता होगी।

वार्षिक राशिफल 2023 ये भी दर्शा रहा है कि 17 जून से शनि का वक्री अवस्था में चले जाना आपके लिए प्रतिकूल फल लेकर आएगा। इससे पारिवारिक व्यापार से जुड़े कई जातकों को अपने परिवार की असंतुष्टि व गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। आपका मुनाफा भी उम्मीद से कम रहेगा, जिससे आपको निराशा हो सकती है। आपकी वाणी में भी कठोर व उग्रता आने से आप अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मियों व सहकर्मियों से गलत व्यवहार करेंगे। जिससे उनके साथ आपकी कहासुनी संभव है। ऐसे में अपने शब्दों व उग्र वाणी पर ब्रेक लगाएं, अन्यथा आप दूसरों को भावनात्मक रूप से आहत कर सकते हैं।

हालांकि यह नकारात्मक स्थिति 17 जून से 4 नवंबर तक रहेगी, फिर इसके बाद शनि वक्री अवस्था में निकलते ही आपको अपने जीवन में शांति देंगे। अपने घरवालों की मदद से आप अपने व्यवसाय में लाभकारी परिणाम हासिल करेंगे। आपका मुनाफा भी दुगना हो सकेगा। कुछ जातक किसी अटके हुए संसाधन से भी अचानक धन लाभ करने में सक्षम रहने वाले हैं। वहीं आपको अचानक किसी करीबी की मदद से भी कोई डील अपने हक में करने में, वर्ष के अंतिम दो महीनों में काफी मदद मिलेगी।

उपाय: श्री शनि स्तोत्र का पाठ करें और शनिवार के दिन नियम अनुसार व्रत का पालन करें।

शनि गोचर 2023: कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि गोचर 2023 विशेष महत्वूर्ण रहेगा। क्योंकि शनि आपकी राशि के द्वादश भाव के स्वामी होने के साथ-साथ प्रथम भाव पर भी अपना अधिपत्य रखते हैं और इस वर्ष की शुरुआत में जहाँ आपकी राशि पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण होगा। तो मध्य जनवरी के बाद से शेष वर्ष आप पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण रहेगा। जिसके फलस्वरूप आपको इस पूरे ही वर्ष खासतौर से अन्य राशियों की तुलना में अधिक सावधान रहने की ज़रूरत होगी।

वार्षिक राशिफल 2023 को देखें तो शुरुआत से 17 जनवरी तक शनि का आपके द्वादश भाव में उपस्थित होना खर्चों पर नियंत्रण रखने में आपकी मदद करेगा। साथ ही वो छात्र जो आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने के इच्छुक थे, उनके लिए भी वर्ष की शुरुआत शुभ समाचार लेकर आएगी। कई जातकों को पेशेवर रूप से भी विदेश जाने का अवसर मिलने की संभावना रहेगी। हालांकि 17 जनवरी से जैसे ही शनि आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव में गोचर करेंगे, तब आपको थोड़ा सावधान रहने की हिदायत दी जाती है। क्योंकि इस दौरान शनि की सप्तम दृष्टि आपके विवाह भाव पर होगी। ऐसे में शनि देव आपके स्वभाव में कुछ बदलाव लेकर आएंगे, जिससे आपके जीवनसाथी को परेशानी हो सकती है। इस कारण आपका उनके साथ विवाद भी संभव है। इसी बीच शनि का आपके प्रथम भाव में ही अस्त होगा आपको और अधिक कष्ट दे सकता है। इससे आप खुद को तनाव से ग्रस्त पाएंगे और इस कारण आपका मन भी उदास व चिड़चिड़ा होगा।

हालांकि 6 मार्च से जब शनि पुनः उदय हो जाएंगे, तब आप कुछ राहत की सांस ले सकेंगे। इस दौरान आप खुद को शांत रखने के लिए कुछ योग गतिविधियों का सहारा भी ले सकते हैं। साथ ही कई जातक खुद को काम में व्यस्त करते हुए भी स्वयं को तनावमुक्त रखने का प्रयास करते दिखाई देंगे। दांपत्य जातक भी एक स्थिर और स्वस्थ रिश्ता साथी के साथ साझा करेंगे। इसके बाद 17 जून से शनि का प्रथम भाव में वक्री गति आरंभ करते हुए आपके कार्यक्षेत्र को प्रभावित करने का कार्य करने वाले हैं। खासतौर से वो जातक जो साझेदारी में काम करते हैं, उन्हें अच्छे अवसर प्राप्त करने के लिए पहले से अतिरिक्त मेहनत करने की ज़रूरत होगी। क्योंकि शनि देव वक्री होते हुए आप पर आलस्य और सुस्ती हावी रखेंगे। ये स्थिति अक्टूबर के अंत तक ऐसी ही बनी रहेगी और इस बीच शनि बीच-बीच में आपकी परीक्षा देंगे।

फिर 4 नवंबर 2023 से जैसे ही शनि वक्री गति से निकलते हुए आपकी ही राशि में पुनः मार्गी हो जाएंगे, तब आपके द्वारा किये गए पुराने प्रयासों का फल किसी न किसी रूप से आपको प्राप्त होने की संभावना बनेगी। अंतर्राष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत नौकरीपेशा जातकों को भी शनि देव की कृपा से वर्ष के आखिरी दो महीनों में सफलता व उन्नति अर्जित करने के अवसर मिलेंगे। हालांकि ये यश व उन्नति आपको ज्यादा समय तक संतुष्टि नहीं देंगी। कुल मिलाकर कहें वर्ष की शुरुआत आपके लिए जितनी अनुकूल रहेगी, उतना ही कष्ट आपको शनि साढ़े साती के दूसरे चरण में उठाना पड़ सकता है। इसलिए इन कष्टों को दूर करने के लिए बिना कुछ शॉर्टकट अपनाएं लगातार मेहनत करते रहना ही आपके लिए एकमात्र सफलता का मूलमंत्र रहने वाला है।

उपाय: कभी भी शनिवार के दिन सरसों का तेल न ख़रीदें और हर शनिवार किसी ज़रूरतमंद में सरसों के तेल का दान करें।

शनि गोचर 2023: मीन

मीन राशि के जातकों के लिए शनि आपके एकादश और द्वादश भाव का स्वामी होते हैं। इस वर्ष शुरुआत से जनवरी के मध्य तक शनि आपके सामाजिक जीवन, मित्र, आय, इच्छा, लाभ आदि के एकादश भाव में उपस्थित होंगे। इसके बाद 17 जनवरी से शेष वर्षभर शनि की उपस्थिति आपके द्वादश भाव में होगी। इसके परिणामस्वरूप जहाँ शुरुआत में आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा। इस दौरान आप अपनी इच्छाओं को पूर्ण करते हुए मनोरंजन और आनंदपूर्ण जीवन व्यतीत करते दिखाई देंगे। कुछ जातक किसी दोस्त या करीबी के साथ यात्रा पर जाने की योजना भी बना सकते हैं।

शनि गोचर 2023 के अनुसार, 17 जनवरी को शनि का गोचर कुंभ राशि में होने से वे आपके द्वादश भाव में विराजमान होंगे। इस दौरान आप पर शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण भी शुरू होगा। इस कारण आपको थोड़ा सावधान रहना होगा। क्योंकि शनि की ये स्थिति आपको कुछ आर्थिक समस्याएं दे सकती है। इस समय आपके खर्चों में भी अचानक वृद्धि होगी, जिसपर आप लगाम लगाने में समर्थ नहीं होंगे।

फिर 30 जनवरी से शनि सूर्य के निकट जाकर द्वादश भाव में ही अस्त हो जाएंगे। इस कारण आपको कुछ अनिंद्रा की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा। कुछ जातक को किसी प्रकार की कुछ छोटी-मोटी चोट लगने जैसे दुर्घटना भी संभव है। इसलिए आपको खासतौर से सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ये स्थिति 6 मार्च तक रहेगी और फिर उसके बाद शनि अस्त अवस्था से निकलते हुए जब उदय हो जाएंगे, तो स्थिति में कुछ सुधार देखने को मिलेगा। विशेषकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलेगी। शनि इस समय आपकी ऊर्जा, एकाग्रता और गतिशीलता में वृद्धि लेकर आएंगे, जिससे आप हर निर्णय को समझदारी व निडरता से लेने में सफल रहेंगे।

वार्षिक राशिफल 2023 ये भी दर्शा रहा है कि 17 जून 2023 से शनि का कुंभ में वक्री गति शुरू करना आपके लिए समस्या बढ़ाएगा। इस दौरान आपकी आय में कमी होगी। साथ ही आप अपना बैंक बैलेंस कम होता देखेंगे। घर पर भी छोटे सदस्यों के साथ आपके रिश्ते प्रभावित होंगे जिससे आपके मानसिक तनाव में वृद्धि देखी जाएगी। नौकरीपेशा जातकों को भी कार्यक्षेत्र पर किसी नुकसान का सामना करना होगा। इसलिए हर कार्य के प्रति गंभीरता बरतें और अंत में उसकी गुणवत्ता की जाँच ज़रूर करें। ये समय ऐसा होगा जब आप अपने जीवन से पूरी तरह असंतुष्ट होंगे। परंतु आपको अपने दिलों-दिमाग में नकारत्मकता लाने से बचना होगा। हालांकि अंतिम दो महीने आपके लिए बेहतर रहेंगे। क्योंकि 4 नवंबर से शनि पुनः द्वादश भाव में मार्गी हो जाएंगे, जिससे आपका ध्यान शांति पाने की ओर अधिक रहेगा। इसके लिए आप अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालते हुए आत्मचिंतन करते देखें जाएंगे। इनकी मदद से आपको बेहतर निर्णय लेने में भी मदद मिल सकेगी।

उपाय: प्रत्येक शनिवार के दिन किसी भी शनि मंदिर जाकर काली दाल का दान करना आपको शनि साढ़े साती के कुप्रभाव से बचाएगा।

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